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फुटवियर कंपनी मेट्रो के चेयरमैन रफीक मलिक भारत के बड़े उद्योगपतियों में से एक हैं। रफीक मलिक का जन्म 30 अक्टूबर 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। रफीक मलिक ने अपने पिता के फुटवियर बिजनेस को आगे बढ़ाया। उनके पिता मलिक तेजानी ने 1955 में मेट्रो की शुरुआत की थी। यह एक छोटी सी दुकान हुआ करती थी।

रफीक मलिक भारत के जाने-माने अरबपति बिजनेसमैन हैं। वह दिग्गज फुटवियर रिटेल कंपनी मेट्रो ब्रांड्स के मालिक हैं। मुंबई की यह कंपनी मेट्रो शूज, वॉकवे, फिटफ्लॉप और द विंची जैसे मशहूर शू लेबल के साथ अपना नाम बना चुकी है। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 23,000 करोड़ रुपये का है। रफीक मलिक की गिनती भारत के सबसे अमीर लोगों में होती है। आइए, यहां उनकी सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
मुंबई में हुआ जन्म

मशहूर फुटवियर ब्रांड मेट्रो के चेयरमैन रफीक मलिक किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। रफीक का जन्म 30 अक्टूबर, 1950 को मायानगरी मुंबई में हुआ था। अपने पिता के छोटे से जूते के व्यवसाय को उन्होंने एक बड़े ब्रांड में बदल दिया। रफीक मलिक ने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता के फुटवियर बिजनेस को संभालना शुरू कर दिया। उनके पिता मलिक तेजानी ने 1955 में मुंबई में मेट्रो की शुरुआत की थी। उस समय यह एक छोटा सा जूते का स्टोर था। रफीक मलिक ने कड़ी मेहनत और लगन से मेट्रो को एक बड़ा ब्रांड बनाया।
अरबपतियों में शुमार

आज मेट्रो मोची, वॉकवे, मेट्रो शूज, दा विंची और फिटफ्लॉप जैसे कई ब्रांड के जूते बेचता है। देश के 160 शहरों में मेट्रो के 700 से ज्यादा स्टोर हैं। रफीक मलिक की बेटी फराह मलिक अब मेट्रो की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। वह उनकी पांच बेटियों में से एक हैं। फोर्ब्स के अनुसार, रफीक की कुल संपत्ति $2.1 अरब (लगभग 17,160 करोड़ रुपये) है। 2023 में, वह फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में 1,434वें स्थान पर थे और 2022 में उन्हें भारत के 89वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया था। रफीक की शादी अजीजा मलिक से हुई है।
यह था सबसे अहम पड़ाव

मेट्रो ब्रांड्स का इतिहास 1955 से शुरू होता है। तब रफीक के पिता मलिक तेजानी ने मुंबई में एक जूते की दुकान खोली थी। यह कंपनी समय के साथ एक रिटेल दिग्गज के रूप में विकसित हुई। धीरे-धीरे यह फुटवियर में एक विश्वसनीय नाम बन गई। कंपनी की यात्रा में एक अहम मोड़ तब आया जब दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने इसकी क्षमता पर भरोसा दिखाया। 2007 में मेट्रो ब्रांड्स ने झुनझुनवाला को 15% हिस्सेदारी बेच दी। इससे कंपनी की ग्रोथ को और बढ़ावा मिला।
शेयर बाजार में लिस्टिंग

दिसंबर 2021 में रफीक ने 1,367 करोड़ रुपये का IPO लॉन्च करके कंपनी को पब्लिक किया। इस पड़ाव ने मेट्रो ब्रांड्स को रिटेल बाजार में एक प्रमुख कंपनी के तौर पर बदल दिया। इससे भारत के व्यापार जगत में इसकी प्रतिष्ठा मजबूत हुई। एक जूते की दुकान विरासत में मिलने से लेकर अरबों का साम्राज्य खड़ा करने तक रफीक मलिक का सफर उनके विजन, दृढ़ संकल्प और नेतृत्व को दर्शाता है। आज मेट्रो ब्रांड्स केवल एक व्यवसाय नहीं है। यह भारत में उद्यमशीलता की सफलता का प्रतीक है।