पीलीभीत(उत्तरप्रदेश)

पीलीभीत शहर में बुधवार को एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया, जब समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला कार्यालय को नगर पालिका ने खाली करवा लिया। यह कार्यालय नगर पालिका की संपत्ति पर बना था, जिसे लेकर पहले ही सपा को नोटिस जारी किया गया था।

कार्रवाई के दौरान पुलिस ने विरोध कर रहे 35 सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह ‘जग्गा’ से धक्का-मुक्की भी हुई। वहीं, पार्टी का झंडा नीचे उतार दिया गया और कार्यालय के नाम को पेंट कर मिटा दिया गया।

नगर पालिका का कहना है कि यह परिसर अधिशासी अधिकारी (ईओ) के आवासीय उपयोग के लिए चिन्हित है, और 2020 में सपा को दिया गया आवंटन निरस्त किया जा चुका था। बावजूद इसके, कार्यालय का उपयोग जारी था।

प्रशासन की टीम ने सुबह सात थानों की फोर्स के साथ पहुंचकर कार्यवाही शुरू की। पहले सपा ने छह महीने का समय मांगा था, फिर भी 16 जून तक की मोहलत के बाद भी कार्यालय खाली नहीं किया गया।

पूर्व में 150 रुपये प्रति माह किराए पर मिला यह स्थान 2005 से पार्टी के कब्जे में था। मामला अदालत में लंबित है, लेकिन अंतरिम राहत न मिलने के कारण प्रशासन ने कार्रवाई की।

जिलाध्यक्ष ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने चेतावनी दी कि सपा भी अब सरकार की संपत्तियों की जांच करवा कर वैसा ही कदम उठाएगी।

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