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भोपाल। चुनावी वर्ष में मध्‍य प्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों में होने वाले कामों के लिए महापौर, महापौर परिषद, आयुक्त और निगम के वित्तीय अधिकार दोगुना कर दिए हैं। अब भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर के महापौर दस करोड़ रुपये तक के कामों की स्वीकृति दे सकेंगे। वहीं, पांच लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगम के महापौर को पांच करोड़ रुपये तक के कामों को स्वीकृति देने का अधिकार होगा।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने किया नियमों में संशोधन

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नगर पालिक निगम वित्त एवं लेखा नियम 2018 में संशोधन करते हुए कामों की स्वीकृति संबंधी वित्तीय अधिकार दोगुना किए हैं। पांच लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगम में आयुक्त को पांच करोड़ और इससे कम जनसंख्या वाले निगम के आयुक्त को एक करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्ति दी गई है।

नगर पालिका अध्यक्ष की भी बढ़ी वित्तीय शक्ति

इसी तरह पांच लाख से अधिक जनसंख्या वाले निगम की महापौर परिषद को दस से बीस करोड़ रुपये और पांच लाख से कम जनसंख्या वाले निगम की परिषद को पांच से दस करोड़ रुपये तक कार्य की स्वीकृति देने का अधिकार दिया है। इसी तरह नगर पालिका अध्यक्ष को पांच से दस लाख और नगर परिषद के अध्यक्ष को दो से पांच लाख रुपये तक की वित्तीय शक्ति दी गई है।

राज्य सरकार देगी तीस करोड़ रुपये से अधिक के कामों को स्वीकृति

मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पांच लाख, पालिका अध्यक्ष परिषद को दस से चालीस लाख और नगर परिषद अध्यक्ष परिषद को पांच से बीस लाख रुपये तक के कामों की स्वीकृति के अधिकार दिए हैं। नगर पालिका परिषद को चालीस लाख से पांच करोड़, नगर परिषद को बीस लाख से ढाई करोड़, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास को पांच से तीस करोड़ रुपये तक के कामों को स्वीकृत करने का अधिकार होगा। राज्य सरकार नगर पालिका और नगर परिषद के लिए तीस करोड़ रुपये से अधिक के कामों को स्वीकृति देगी।

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