छत्तीसगढ़ में लोहारडीह कांड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को सीएम विष्णु देव साय सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने एफआईआर की कॉपी द‍िखाते हुए कहा, “क्या इस सूची में जितने लोगों के नाम हैं, वो सही हैं, यदि सही नहीं है, तो क्या दोबारा विवेचना की जाएगी.

कवर्धा के लोहारडीह में शिव प्रसाद साहू नामक युवक की लाश मिलने के बाद हुआ बवाल

गत 14 सितंबर को कवर्धा के लोहारडीह में शिव प्रसाद साहू नामक युवक की लाश गांव से करीब 10 किमी दूर जंगल में पेड़ से लटकती मिली थी. मामले में गांव के पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू पर हत्या का आरोप लगा और भीड़ उसके घर को आग लगा दी, जिसमें पूर्व सरपंच की मौत हो गई. मामले में 69 लोगों को गिरफ्तार किया और160 पर माला दर्ज किया गया था.

पूर्व सीएम बघेल का दावा, वारदात की जांच -पड़ताल में सही से पूछताछ नहीं की गई

बकौल भूपेश बघेल, वारदात की जांच -पड़ताल में सही से पूछताछ नहीं की गई है. हमारी मांग है कि आरोपियों की सही से पूछताछ की जाए. इस मामले में राज्य सरकार की चुप्पी कई तरह के गंभीर सवाल खड़े कर रही है, क्योंकि दो IAS और एक IPS अधिकारी को निलंबित कर दिया. IPS अधिकारी को इसलिए निलंबित कर दिया गया कि उससे लापरवाही हुई.

जेल भेजे गए 69 लोगों 5 ऐसे थे, जो मृतक के पोस्टमार्टम के लिए मध्य प्रदेश गए हुए थे

पूर्व सीएम ने कहा कि आखिर इस मामले में कितनी धाराएं लगीं हैं. मेरी जानकारी के मुताबिक, भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 हत्या की धारा, 103(2) मॉब लिंचिंग सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि मामले में शामिल आरोपियों को रात में गिरफ्तार किया गया. 167 लोगों के नाम शिकायत दर्ज की गई और उसमें से 69 लोगों को बिना विवेचना के जेल भेजा गया, इसमें पांच लोग ऐसे थे, जो मृतक के पोस्टमार्टम के लिए मध्य प्रदेश गए हुए थे.

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