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भारतीय टीम को पुणे टेस्ट में जीत के लिए 359 रनों का लक्ष्य मिला है। भारतीय टीम का अपने देश में सबसे सफल रन चेज 387 रनों का है। अगर भारत पुणे में यह मैच जीतता है तो अपने आप में इतिहास रचने वाला होगा।

पुणे: बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी के दम पर भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे टेस्ट के तीसरे दिन वापसी करते हुए उसकी दूसरी पारी 255 रनों पर समेट दी। हालांकि, पहली पारी में न्यूजीलैंड के पास 103 रनों की भारी भरकम बढ़त थी तो टीम इंडिया को मैच जीतने के लिए 359 रनों का विशाल लक्ष्य मिला है। भारतीय टीम को जीतने के लिए यहां इतिहास रचना होगा। टीम इंडिया अगर यह मैच जीत लेती है तो यह उसकी अपने देश में लक्ष्य का पीछा करते हुए दूसरी सबसे बड़ी जीत होगी।

इससे पहले भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी कलई खुल गई और दूसरे क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन न्यूजीलैंड ने 301 रन की मजबूत बढ़त बना ली थी, जबकि आज उसने यह आंकड़ा 358 रनों तक पहुंचा दिया। दूसरे दिन का खेल समाप्त होने पर टॉम ब्लंडेल 30 और ग्लेन फिलिप्स सात रन बनाकर खेल रहे थे। आज टीम इंडिया ने तेजी से विकेट लेने शुरू किए। ब्लंडेल 41 रन के स्कोर पर रविंद्र जडेजा की गेंद पर बोल्ड हुए। इसके बाद मिचेल सेंटनर 4, टिम साउदी 0 और एजाज पटेल 1 रन पर चलते बने।

  • -भारतीय टीम पहली पारी में 45.3 ओवर में 156 रन पर आउट हो गई। भारत ने सुबह के सत्र में छह विकेट 91 रन और 106 रन बनाने में नौ विकेट गंवा दिए। ऐसा लग रहा था कि इस पिच पर बल्लेबाजी मुश्किल है लेकिन, कीवी टीम ने इस धारणा को बदल दिया। जिस पिच पर भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आ रहे थे, वहीं न्यूजीलैंड ने अपनी दूसरी पारी में जबरदस्त एवरेज से रन बनाए।
  • -रोहित शर्मा और विराट कोहली लगातार निराश करते जा रहे हैं। बेंगलुरु टेस्ट की पहली बपारी में भी दोनों ने निराश किया था और अब फिर वही घटिया प्रदर्शन जारी है। इन प्लेयर्स को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। समझना होगा कि अगर वह रन नहीं बनाएंगे तो फिर युवाओं से कैसे क्रीज पर टिकने की उम्मीद लगा सकते हैं।
  • -पुणे टेस्ट के दो दिन में एकबार भी रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी से प्रभावित नहीं किया। दूसरे दिन जब न्यूजीलैंड अपनी दूसरी पारी में उतरी तो भारतीय कप्तान से एग्रेसिव एप्रोच की जरूरत थी। मगर रोहित शर्मा की फील्ड प्लेसमेंट देखकर कभी भी नहीं लगा कि वह विकेट लेने जा रहे हैं या उनका मकसद कीवियों पर दबाव बनाना है। कमेंट्र बॉक्स में मौजूद दिग्गज रवि शास्त्री ने भी ऑन एयर बेबाकी से ये बात कही थी।

पूरे मैच में भारत के लिए एकमात्र अच्छी बात वॉशिंगटन सुंदर का प्रदर्शन रही जिन्होंने मैच में 11 विकेट ले लिए। न्यूजीलैंड की नजरें भारत में सीरीज में ऐतिहासिक जीत पर लगी है। पहली बार न्यूजीलैंड ने 1955-56 के दौरे पर यहां सीरीज जीती थी। भारतीय बल्लेबाजों को इस पिच पर खेलने में दिक्कत आ रही थी लेकिन न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों ने आराम से खेला। बेंगलुरु में पिछले टेस्ट में घरेलू मैच में अपने न्यूनतम स्कोर 46 रन पर सिमटने वाली भारतीय टीम न्यूजीलैंड से 36 साल में पहली बार अपने देश में टेस्ट हारी थी।

उल्लेखनीय है कि भारत ने इंग्लैंड से 2012-13 सत्र में हारने के बाद अपनी सरजमीं पर टेस्ट सीरीज नहीं गंवाई है। भारतीय टीम पहली पारी में 45.3 ओवर में 156 रन पर आउट हो गई। बेंगलुरु टेस्ट में जहां तेज और सीम लेती गेंदों के दम पर न्यूजीलैंड ने 36 साल में पहली बार भारत को उसकी धरती पर टेस्ट में हराया तो यहां सुबह के सत्र में स्पिनर भारतीय बल्लेबाजों की परेशानी का सबब बने।

स्पिनर के खिलाफ ‘विराट’ चिंता!
विराट कोहली के नाम टेस्ट में नौ हजार से ज्यादा रन हैं। उन्होंने 29 टेस्ट सेंचुरी भी लगाई है और दुनिया भर में इस फॉर्मेट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। मगर टेस्ट में उनके कुछ हालिया आंकड़े ऐसे हैं जो चिंता पैदा करते हैं। स्पिनर के खिलाफ शानदार रेकॉर्ड रखने वाले विराट ने साल 2021 के बाद एशिया में 26 टेस्ट इनिंग्स खेली हैं। इनमें उन्होंने स्पिन के खिलाफ 28.85 औसत से 606 रन बनाए हैं। उन्होंने 21 बार स्पिनर के खिलाफ विकेट गंवाए हैं। पुणे में मिचेल सैंटनर की फुलटॉस गेंद पर जिस तरह से वह बोल्ड हुए उससे न्यूजीलैंड का यह स्पिनर भी हैरान था।

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