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छठ का व्रत सबसे कठिन माना जाता है। इस व्रत में महिलाएं कड़े नियम का पालन करते हुए पूरे 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं। तो अगर आप पहली बार छठ का व्रत करने जा रही हैं तो इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें।

नवंबर को नहाय खाय के साथ महापर्व छठ का आरंभ हो रहा है। छठ का व्रत काफी कठिन माना जाता है, इसलिए इसे महापर्व कहा जाता है। इसमें महिलाएं पूरे 36 घंटे तक का निर्जला व्रत करती हैं। छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय होता है जिसमें महिलाएं सात्विक आहार ग्रहण करती हैं। दूसरे दिन खरना होता है। इस दिन गुड़ की खीर बनाई जाती है। फिर छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। वहीं छठ पूजा के आखिरी दिन उषा अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रत का पारण किया जाता है। छठ पूजा में कई ऐसी बातें हैं जिसका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। तो अगर आप पहली बार छठ का व्रत करने जा रही हैं तो इन बातों को जरूर ख्याल रखें वरना आपका व्रत खंडित हो सकता है।

पहली बार छठ का व्रत करने वाली महिलाएं इन नियमों का करें पालन

1. साफ-सफाई

छठ पूजा में पवित्रता का बहुत ही ध्यान रखना होता है। ऐसे में घर, आंगन, मंदिर और किचन समेत हर जगह को साफ-सुथरा रखें। वहीं छठ पूजा के दौरान रोजाना स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनें। पूजा पाठ की सामग्री बनाने में भी पवित्रता का ध्यान रखें। 

2. छठ पूजा सामग्री

छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजें जैसे फल, मिठाइयां, दूध, धूप-दीप, फूल, सूप, डाला आदि चीजें पहले से एकत्रित कर लें। छठ पूजा में उपयोग होने वाली सभी चीजें नई और शुद्ध होना अनिवार्य होता है। 

3.  छठ का प्रसाद चूल्हे पर बनाएं

छठ का प्रसाद ठेकुआ नए मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाना चाहिए। लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं है नए चूल्हे या स्टोव का इस्तेमाल कर सकते हैं। वरना गैस चूल्हा को अच्छे से धोकर और शुद्ध कर के उसपर प्रसाद तैयार कर सकते हैं। 

4.  प्रसाद के लिए इन बर्तनों का न करें इस्तेमाल

छठ पूजा का प्रसाद नए और शुद्ध बर्तन में ही बनाना चाहिए। प्रसाद के लिए उन बर्तनों का इस्तेमाल न करें जिसमें तामसिक चीजें पकाई या खाई गई हो। वहीं छठ पूजा में स्टिल और शीशे के बर्तन का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता है। इसकी जगह पीतल का बर्तन का उपयोग सबसे उत्तम माना जाता है। छठ पूजा के लिए बांस से बने सूप और टोकरी का ही इस्तेमाल करें।

5. जमीन पर सोएं

छठ का व्रत करने वाली महिलाओं को जमीन पर ही सोना पड़ता है। तो अगर आपने छठ का व्रत रखा है तो इस बात का ध्यान रखें और जमीन पर सोएं। 

6. तामसिक चीजें से दूरी बनाकर रखें

महापर्व छठ के दौरान तामसिक चीजों से दूरी बनाकर रखें। परिवार के अन्य लोग भी छठ पर्व के दौरान प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा से दूर रहे। इन सब चीजों की वजह से छठ पूजा की पवित्रता भंग होती है। ऐसे में छठ के समय इन चीजों का सेवन न करें।

7. व्रत का पारण कब करें

छठ व्रत का पारण उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ का प्रसाद सभी में वितरित करें फिर उसके बाद खुद भी ग्रहण करें। 

छठ पूजा 2024 कैलेंडर

  1. नहाय खाय- 5 नवंबर 2024
  2. खरना- 6 नवंबर 2024
  3. संध्या अर्घ्य- 7 नवंबर 2024
  4. उषा अर्घ्य, पारण- 8 नवंबर 2024

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