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ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग का ASI सर्वे कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी किया है।

ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई है। ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग का ASI सर्वे कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी किया है। हिंदू पक्ष की तरफ से अदालत में ये याचिका लगाई गई थी। इस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी करते हुए 2 हफ्ते में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को ज्ञानवापी केस को लेकर वाराणसी की निचली अदालत में चल रहे सभी 15 मुकदमों को हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की हिंदू पक्ष की मांग पर सुनवाई कर रहा था। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच के सामने हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि कुछ याचिकाएं जिला जज के सामने हैं तो कुछ सिविल जज के सामने, ऐसे में एक ही मामले पर अलग-अलग कोर्टों से अलग-अलग आदेश आ रहे हैं। ऐसे में हमारी मांग है कि ज्ञानवापी से जुड़ी हुई सभी याचिकाओं को एक साथ क्लब करके इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन जजों की बेंच के सामने ट्रांसफर कर दिया जाए।
मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर ऐतराज किया
मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर ऐतराज किया और कहा हमने पहले भी दलील ली थी कि इस तरह की याचिकाएं प्लेसेज आफ वरशिप एक्ट के बाध्यता की वजह से नहीं सुनी जा सकती हैं। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि हिंदू पक्ष सील किए गए वजूखाने के इलाके का ASI सर्वे चाहता है। जिला अदालत ने इस मांग को ठुकरा दिया था तो उसके बादहाई कोर्ट ने इसकी अनुमति दी थी। इसके खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। अभी उसे याचिका पर फैसला लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट अब 17 दिसंबर को अगली सुनवाई
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी किया और 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट अब 17 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगा। कहा जाता है कि पिछली बार वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित रूप से ‘शिवलिंग’ मिला था, लेकिन मुस्लिम पक्ष इसे फब्बारा बताता है।