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झारखंड व छत्तीसगढ़ में ED ने लगभग 17 ठिकानों पर छापा मारा है. बताया जा रहा है कि यह एक्शन कथित तौर पर शराब घोटाले मामले पर हुआ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में कई बड़े IAS अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन हुआ है. ED ने सीनियर आईएएस अधिकारी विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह और उनके करीबी रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापा मारा है.

शराब घोटाला मामले को लेकर केंद्रीय एजेंसी ईडी (ED) का एक्शन जारी है. आज कई जगहों पर ईडी की छापेमारी हो रही है. शराब घोटाले के मामले में ईडी की छापेमारी छत्तीसगढ़ और रांची में अलग-अलग जगहों पर चल रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक आईएएस (IAS) विनय चौबे (Vinay Choubey) समेत कुछ अधिकारियों के घर पर छापेमारी की टीम पहुंची है. उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के घर भी छापेमारी हो रही है. इसके साथ ही घोटाले के आरोपों में घिरे अधिकारियों के चार्टेड एकाउंटेट (CA) के घर पर भी छापेमारी हुई हैं.

क्या है मामला?

रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर हुए 2050 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में केस दर्ज किया था. इस केस में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के साथ-साथ झारखंड के IAS और तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे को भी आरोपी बनाया गया है.

छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू ने झारखंड के सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. रांची के विकास कुमार ने एफआईआर दर्ज कराने को लेकर आवेदन दिया था, जिसके बाद रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई. आवेदन में कहा गया था कि शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में ही रची गयी थी और आबकारी नीति में फेरबदल कराया.

क्या हैं आरोप?

बताया जा रहा है कि झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ की शराब नीति को झारखंड में लागू किया था. छत्तीसगढ़ के अधिकारियों अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट ने शराब घोटाला करके छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया था जिसकी जांच ED कर रही है.

आरोप तो यह भी है कि इसी सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर झारखंड की आबकारी नीति में परिवर्तन किया, जिससे सरकार का राजस्व प्रभावित हुआ.

किन-किन के खिलाफ केस दर्ज है?

छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) एवं आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने झारखंड के एक सीनियर IAS अधिकारी और छत्तीसगढ़ के एक रिटायर्ड IAS अधिकारी समेत सात लोगों के खिलाफ झारखंड में शराब नीति में बदलाव कर झारखंड सरकार के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है.

ACB के अधिकारियों ने बताया था झारखंड के रांची निवासी विकास कुमार की शिकायत के आधार पर सात सितंबर को आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.

पिछले साल 23 अगस्त को ED ने रांची, देवघर, दुमका, कोलकाता के 32 ठिकानों पर छापेमारी की थी. 

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