Neemach, MP

नीमच नगरपालिका में भ्रष्टाचारियों ने आवारा कुत्तों की नसबंदी के नाम पर घोटाला कर दिया। अब फिर से 30 लाख रुपये खर्च कर नसबंदी कराई जा रही है। यह प्रक्रिया 2 फरवरी से शुरू की गई, जिसमें अब तक 92 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। आइये जानते हैं पूरा मामला।

नीमच नगरपालिका में चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है, जिसमें कागजों में ही 5219 कुत्तों की नसबंदी दिखाकर संबंधित कंपनी को 32 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। इस अनियमितता को देखते हुए अब नगरपालिका ने नसबंदी प्रक्रिया की निगरानी के लिए 15 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। साथ ही ऑपरेशन थिएटर में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

गौरतलब है कि 2022-23 में ‘द केयर ऑफ एनिमल एंड सोसायटी, रीवा’ को कुत्तों की नसबंदी का ठेका दिया गया था। ठेकेदार ने 5219 कुत्तों की नसबंदी करने का दावा किया और इसके बदले 32 लाख रुपये ले लिए। हैरानी की बात यह है कि न तो इसकी वीडियोग्राफी कराई गई, न ही ऑपरेशन के प्रमाण के तौर पर उनके ऑर्गन्स सुरक्षित रखे गए। अब इस घोटाले की चर्चा हर तरफ हो रही है और अधिकारी केवल जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।फिर से उसी कंपनी को ठेका
जब शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में कोई कमी नहीं आई, तो नगरपालिका ने दोबारा टेंडर निकाला और फिर से उसी कंपनी को ठेका दे दिया, जिस पर पहले घोटाले के आरोप लगे थे। अब 2300 कुत्तों की नसबंदी के लिए 30 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस बार प्रति कुत्ते 1297 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा, जबकि पिछली बार 696 रुपये प्रति नसबंदी का भुगतान हुआ था। एक सर्वे के अनुसार, शहर में अभी भी 5000 आवारा कुत्ते हैं। पूर्व में हुई नसबंदी पर उठे सवालों के कारण इस बार नगरपालिका ने निगरानी बढ़ा दी है।

15 सदस्यीय टीम का गठन
खैर घोटाले को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं। जिसमें 15 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जिसमें डॉक्टर, समाजसेवी, अधिकारी और पार्षद शामिल हैं। कमेटी गठित होने के बाद टीम द्वारा ऑपरेशन थिएटर और कुत्तों को रखने की जगह पर 14 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कैमरों का लिंक सभी सदस्यों को दिया गया है, ताकि वे कभी भी निगरानी कर सकें। वहीं नर कुत्तों के प्राइवेट पार्ट और मादा के गर्भाशय को सुरक्षित रखने के आदेश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि जीपीएस सिस्टम के जरिए यह ट्रैक किया जा रहा है कि कुत्तों को कहां से उठाया गया है।

अधिकारियों की सफाई
मामले को लेकर नगरपालिका नीमच के सीएमओ महेंद्र वशिष्ठ ने स्वीकार किया कि पूर्व में गड़बड़ी हुई थी, लेकिन इस बार पारदर्शिता से काम किया जा रहा है। सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखी जा रही है, और कलेक्टर जांच कर सकते हैं। वहीं नगरपालिका नीमच के एक पार्षद हरगोविंद दीवान ने कहा कि पूर्व की नसबंदी प्रक्रिया में घोटाला हुआ था और इसमें शामिल दोषियों पर कार्रवाई जरूरी है। अब देखना यह होगा कि इस बार नसबंदी प्रक्रिया कितनी पारदर्शी होती है, या फिर एक और घोटाला सामने आता है।

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