ज्ञानेंद्र कुमार सोनी, रीवा, मध्य प्रदेश (लोकेशन)
मध्यप्रदेश की चर्चित सीटों में से एक रीवा सीट पर साल 2003 से पहले जहां कांग्रेस का दबदबा रहता था, वहीं अब पिछले 20 सालों से बीजेपी यहां राज कर रही है. अपनी शान वापस पाने कांग्रेस हर बार चुनाव में अलग-अलग चेहरे को सामने ला चुकी है, लेकिन हाथ सिर्फ हार ही लगती है।
समूचे मध्यप्रदेश में रीवा एक ऐसी विधानसभा सीट है. जिस पर अक्सर ही लोगों की नजरे टिकी रहती हैं, वो इसलिए क्योंकि कभी समूचा विंध्य क्षेत्र एक राज्य कहलाता था और रीवा विंध्य क्षेत्र की राजधानी हुआ करता था, लेकिन 1956 में विंध्य प्रदेश का विलय मध्यप्रदेश में कर दिया गया. जिसके बाद से अब तक रीवा विधानसभा हाई प्रोफाइल सीट बनी हुई है. यहां की राजनीति पूरे प्रदेश में एक अलग ही पहचान रखती है. विंध्य प्रदेश की राजधानी रही रीवा में 8 विधानसभा क्षेत्र है. साथ ही वर्तमान समय में इन सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा है. अगर रीवा विधानसभा क्षेत्र के सीट की बात की जाए तो यहां पर पिछले 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजेंद्र शुक्ला विधायक की कुर्सी पर काबिज हैं. हर बार के चुनावों में राजेन्द्र शुक्ला विकास कार्यों को ही मुख्य मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में जनता के बीच उतरते हैं और जीत का ताज अपने सिर पर रख लेते हैं।
कांग्रेस ने इंजीनियर प्रत्याशी उतारा
रीवा विधानसभा से सीट से इंजी. राजेंद्र शर्मा कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए हैं। जिनका मुकाबला बीजेपी के कद्दावर नेता राजेंद्र शुक्ला से होगा। पहले साल 2008 में इंजी राजेंद्र शर्मा कांग्रेस की टिकट रीवा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उस समय बीजेपी के राजेंद्र शुक्ल ने उन्हें चुनाव हरा दिया था। जिसके बाद इंजी राजेंद्र शर्मा 2009 में नगर निगम रीवा के महापौर का चुनाव में कांग्रेस की ओर से उतरे थे, लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वर्तमान में इंजी. राजेंद्र शर्मा जिला कांग्रेस ग्रामीण के शहर अध्यक्ष हैं। रीवा सीट से महापौर अजय मिश्र बाबा, कविता पाण्डेय, मनीष गुप्ता, विनोद शर्मा जैसे नाम दावेदार थे। जिनसे इंजी राजेंद्र शर्मा पर पार्टी ने भरोसा जताया है।
2008 में भी कांग्रेस से इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा थे उम्मीदवार
साल 2008 के चुनाव में भी कांग्रेस ने व्यपारी राजेंद्र शर्मा पर पूरा भरोसा जताया मगर इस चुनाव में तीसरा विकल्प के तौर पर सामने आई बीएसपी, जहां पर बीजेपी के राजेंद्र शुक्ला का मुकाबला बीएसपी के मुजीब खान से था, जो करीब 26 हजार वोटों से चुनाव हार गए. राजेंद्र शुक्ला ने 2008 के चुनाव में कांग्रेस, सीपीआई और बीएसपी के उम्मीदवारों को शिकस्त दी।
भाजपा के विकास पर शर्मा ने उठाए सवाल
इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा ने विधायक राजेन्द्र शुक्ला के विकास कार्यों को लेकर कई सवाल खडे किए हैं. उन्होंने कहा की युवा नशे की गिरफ्त में हैं, युवाओं को रोजगार नहीं मिला है, जमीन हथियाने पर काम किया जा रहा है।शहर के विकास को लेकर भाजपा के द्वारा बड़े-बड़े वादे और दावे किए गए. जिसकी जमीनी हकीकत ठीक उससे विपरीत थी. शहर के एक भी वार्ड को हम सम्पूर्ण विकसित नहीं कह सकते, जहां पेयजल और स्वच्छ पानी की व्यवस्था हो. बारिश के दौरान वार्डों में जलभराव की स्थिति हो. वर्ष 2003 से यहां पर बीजेपी के MLA है जो की सशक्त मंत्री भी रह चुके हैं. इसके बावजूद विकास के मामले पर रीवा बहुत ही पीछे है. रीवा शहर की कई बेशकीमती जमीने बिल्डर्स को बेच दी गई. इसके साथ ही उन्होंने अपील की है की अच्छे भविष्य और परिवर्तन के लिए जनता वोट करे।