Bhopal, MP

16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान तीन नए विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. इनमें अमरवाड़ा विधायक के अलावा बुधनी और विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में निर्वाचित होने वाले विधायक शामिल होंगे.

मध्यप्रदेश विधानसभा  का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र 16 से 20 दिसंबर तक चलेगा. सत्र के दौरान तीन नए विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार के अनुपूरक बजट को मंजूरी दी जाएगी. इसके अलावा दिसंबर से शुरू हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आम जनता से जुड़े चार विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे. ये चारों विधेयक  निकाय के अध्यक्ष, फायर सेफ्टी, किराएदारी अधिनियम, अवैध कॉलोनी संशोधन से जुड़े हैं. वहीं सदन में अक्सर हंगामे के बीच अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाती. बजट सत्र के दौरान नगरीय निकाय के अध्यक्ष को हटाने संबंधी विधेयक, किराएदारी अधिनियम,अवैध कॉलोनी संशोधन विधेयक और फायर सेफ्टी एक्ट जैसे कानून नहीं बन पाए, इस सत्र में फिर से तैयारी की गई है.

सत्ता पक्ष के विधायक क्या कहते हैं?

बीजेपी विधायक भगवान दास सबनानी ने कहा कि सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रही है, लोगों को कैसे सुविधा दी जा सकती हे इस पर काम कर रहे हैं, मध्य प्रदेश की केबिनेट और विधायक दल की बैठक में सब आया है, अब मुख्यमंत्री तय करेंगे.

इन विधेयकों पर रहेगी नजर

  • फायर सेफ्टी एक्ट : आगजनी की घटनाओं पर काबू करने के लिए सरकार फायर सेफ्टी  मुख्यालय से लेकर ब्लॉक स्तर तक का सेटअप तैयार कर रही है, आधुनिक मशीनों से लेकर कॉल सेंटर तक की व्यवस्था ओर निर्धारित समय पर फायरमैन मौके पर पहुंचे. लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई जैसे प्रावधान इस एक्ट में शामिल रहेंगे.
  • किराएदारी अधिनियम : मकान मालिक और किरायेदारों को राहत देने के लिए किराएदारी अधिनियम लाया जा रहा है. दोनों के बीच विवाद को सुलझाने और सुनवाई के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी को अधिकार दिए जाएंगे, अभी यह अधिकार अदालत के पास है. मकान, दुकान, ऑफिस स्पेस,भूखंड किराए पर देने के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा, इसके लिए शुल्क भी देना होगा.
  • अवैध कालोनी संशोधन : अवैध कॉलोनी बसाने को लेकर एक संशोधन बिल आयेगा, इसमें अवैध कॉलोनी बसाने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. हर निकाय में एक अधिकारी को इसका प्रभार दिया जाएगा जो अतिक्रमण अमले की तरह काम करेगा. अवैध कॉलोनी बनाने वाले बिल्डर, कॉलोनाइजर पर जुर्माने की राशि बढ़ाई जाएगी.
  • निकाय संशोधन बिल : नगर निकाय के अध्यक्ष को हटाने के अधिकार पालिका द्वितीय संशोधन अध्यादेश 2024 को प्रभावी किया जाएगा. नगर पालिका, नगर परिषद के अध्यक्ष के खिलाफ 3 साल के पहले अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा, इसके लिए तीन चौथाई पार्षदों के हस्ताक्षर से ही प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकेगा.

विधेयकों को लेकर विपक्ष के कुछ अपने सवाल भी हैं उनकी माने तो सिर्फ बिल लाकर अपनी पीठ नहीं थप थपाई नहीं जा सकती.

विपक्ष का क्या कहना है?

पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल का कहना है कि सरकार बिल लेकर आ रही है अच्छी बात है लेकिन इन बिलों का पालन भी करना होगा. पिछले 10 सालों में कई बिल आए हैं उनका सरकार पालन ही नहीं करा पाई.

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