पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय भोपाल में धरने पर बैठे यूजी और पीजी के छात्रों की हड़ताल जारी है। इससे पहले चार दिन तक इन छात्रों ने यहां धरना दिया था। जिम्मेदारों की ओर से इस और ध्यान नहीं दिए जाने से खफा छात्रों ने भूख हड़ताल का रास्ता चुना है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनको लिखित आश्वासन नहीं मिलता है, वे हड़ताल जारी रखेंगे।

हड़ताल में आयुर्वेदिक छात्रों के साथ ही होम्योपैथी छात्र भी शामिल हैं। छात्र अपनी 6 सूत्रीय मांगें पूरी कराने के लिए धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल, यूजी की साढ़े चार साल की डिग्री परीक्षा नहीं होने से सात साल में पूरी हो रही है। पीजी में यहां स्टाइपेंड 49 हजार रुपए दिया जा रहा है, जबकि उत्तरप्रदेश में 62 हजार रुपए दिया जा रहा है। जबकि, यहां दूसरे राज्यों के मुकाबले फीस ज्यादा ली जा रही है। दावा किया गया है कि हड़ताल में राजधानी के साथ ही प्रदेश के सभी सात गवर्मेंट आयुष कॉलेजों के 500 से ज्यादा छात्र हड़ताल में शामिल हैं। ऐसे में मरीजों को भी इलाज मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

छात्र डॉक्टर नोशीन ने बताया कि कॉलेज के विद्यार्थियों ने 26 सितंबर से हड़ताल शुरू की थी। सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो विद्यार्थियों ने 29 सितंबर से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी।

आयुर्वेद विद्यालय के छात्रों की यह हैं मांगे

  • मध्यप्रदेश के आयुर्वेद के प्रशिक्षुओं (इंटर्न) गृह चिकित्सकों तथा स्नातकोत्तर छात्रों को दी जाने वाली शिष्य वृति (स्टायपेंड) को समयानुसार संशोधित न किये जाने के कारण विसंगति उत्पन्न हो रही है ।
  • मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों की परीक्षा एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक कैलंडर अनुसार पूर्ण किया जाए।
  • मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी हेतु प्रतिवर्ष नवीन पदों को प्रतिवर्ष उपाधि प्राप्त करने वाले स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों के सम्मिलित अनुपात मे नवीन पदों को सृजित किया जाए।
  • प्रदेश के आयुर्वेद स्नातकोत्तर छात्रों को अन्य राज्यों कि तरह चिकित्सीय छुट्‌टी (Medical Leave ) प्रदान किया जाए ।

होम्योपैथिक विद्यालय के छात्रों की यह हैं मांगे

  • मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत लोक सेवा आयोग द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी हेतु प्रतिवर्ष नवीन पदों को प्रतिवर्ष उपाधि प्राप्त करने वाले स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों के सम्मिलित अनुपात मे नवीन पदों को सृजित किया जाए।
  • मध्यप्रदेश के होम्योपैथिक के प्रशिक्षुओं (इंटर्न) गृह चिकित्सकों तथा स्नातकोत्तर छात्रों को दी जाने वाली शिष्यवृत्ति (स्टायपेंड) में संशोधन किया जाए।
  • मध्य प्रदेश के शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय की स्नातक एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक शुल्क एवं छात्रावास शुल्क को अन्य राज्यों के समतुल्य किया जाए।
  • मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों की परीक्षा एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक डायरी के अनुसार पूर्ण किया जाए।
  • दूसरे राज्यों के आयुष महा विद्यालयों के समकक्ष मध्य प्रदेश के होम्योपैथिक प्रशिक्षुओं (इंटर्न), गृह चिकित्सकों तथा स्नातकोत्तर छात्रों को आकस्मिक अवकाश (Casualty Leave) प्रदान किया जाए।
  • प्रदेश के होम्योपैथिक गृह चिकित्सकों तथा स्नातकोत्तर छात्रों को अन्य राज्यों की तरह सवेतन 20 (Paid Medical Leave) प्रदान की जाए।

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