भोपाल।
पीएम मोदी आज सतना के चित्रकूट में एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। उन्होंने चित्रकूट के रघुवीर मंदिर में पूजा अर्चना की।

पीएम मोदी ने कहा कि चित्रकूट के बारे में कहा गया है कि यहां के पर्वत कामद गिरि भगवान राम के आशीर्वाद से सारे परेशानियों और कष्टों को हरने वाला है। चित्रकूट की महिमा यहां के संतों-ऋषियों के माध्यम से ही अक्षुण्ण बनी हुई है। पूज्य श्री रणछोड़ दास जी ऐसे ही महान संत थे। उनके निष्काम कर्मों ने मुझ जैसे लक्षावधि लोगों को हमेशा प्रेरित किया है। उनका ध्येय भूखे को भोजन, वस्त्रहीन को वस्त्र और दृष्टिहीन को दृष्टि दी। इसी सेवा मंत्र के साथ पूज्य गुरुदेव पहली बार 1945 में चित्रकूट आए थे। 1950 में उन्होंने यहां पर पहले नेत्र यज्ञ का आयोजन करवाया था। इसमें सैकड़ों मरीजों की सर्जरी हुई थी, उन्हें नई रोशनी मिली थी। आज के समय हमें यह बात सामान्य लगती होगी। लेकिन सात दशक पहले यह स्थान लगभग पूरी तरह से वन क्षेत्र था। यहां न सड़कों की सुविधा थी, न बिजली थी, न जरूरी संसाधन थे। उस समय इस वनक्षेत्र में ऐसे बड़े संकल्प लेने के लिए कितना साहस, कितना आत्मबल और सेवाभाव की क्या पराकाष्ठा होगी। तब यह संभव होगा। लेकिन यहां संत रणछोड़ दास जी जैसे संत की साधना होती है, वहां संकल्पों का सृजन ही सिद्धि के लिए होता है।
पीएम ने कहा कि आज इस तपोभूमि पर हम सेवा के ये जितने बड़े-बड़े प्रकल्प दे रहे हैं, वो उसी ऋषि के संकल्प का परिणाम है। उन्होंने यहां श्रीराम संस्कृत विद्यालय की स्थापना की। कुछ ही समय बाद श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट का गठन किया। जहां कहीं भी विपदा आती थी पूज्य गुरुदेव उसके सामने ढाल बनकर खड़े हो जाते थे। उनके प्रयासों से कितने ही गरीबों को नया जीवन मिला। यही हमारे देश की विशेषता है कि जो स्व से ऊपर उठकर समस्ति के लिए समर्पित रहने वाले महात्माओं को जन्म देती है। मेरे परिवार जनों संतों का स्वभाव होता है कि जो उनका संग पाता है, उनका मार्गदर्शन पाता है वो खुद संत बन जाता है। अरविंद भाई का पूरा जीवन इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है। अरविंद जी भले ही सामान्य जीवन जीते थे। लेकिन भीतर से उनका जीवन एक तपे हुए संत की तरह था। आज जब हम अरविंद भाई की शताब्दी मना रहे हैं तो ये जरूरी है कि हम उनकी प्रेरणाओं को आत्मसात करें। उन्होंने जो भी जिम्मेदारी उठाई उसे शत प्रतिशत निष्ठा से पूरा किया। उन्होंने इतना बड़ा औद्योगिक साम्राज्य खड़ा किया। मफतलाल ग्रुप को एक नई ऊंचाई दी। अरविंद भाई ने ही थे जिन्होंने देश का पहला पेट्रो केमिकल कॉम्प्लैक्स स्थापित किया था।