मध्यप्रदेश की इंदौर-1 विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने उनके बयान पर संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में इंदौर जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर डॉक्टर इलैया राजा टी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. जांच में जो तथ्य सामने आएंगे आयोग उसी आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी.

विजयवर्गीय के इस बयान ने बढ़ाई मुश्किल
कैलाश विजयवर्गी एक बार फिर अपने बयान से इस बार चुनाव आयोग की नजरों में आ गए हैं. दरअसल कैलाश विजयवर्गीय ने एक कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस मुक्त बूथ बनाने पर अध्यक्ष को 51000 का इनाम देने की घोषणा की थी, जिसका वीडियो वायरल हुआ था. इस पर लोगों ने सवाल भी उठाए थे. इस मामले में सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस संस्था ने कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस द्वारा इस मामले में कैलाश विजयवर्गी की शिकायत भी की गई है और वित्तीय लाभ देने का विजयवर्गीय पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि विजयवर्गीय ने लोगों को पैसे का प्रलोभन देकर बीजेपी के लिए वोट मांगा है. इस मामले में निर्वाचन आयोग ने इंदौर जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर डॉक्टर इलैया राजा टी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. वहीं दूसरी तरफ जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच की जाएगी और जांच के बाद जो भी तथ्य हैं वह आयोग के समक्ष रखे जाएंगे और उसी के बाद आयोग यह तय करेगा कि आगे क्या कार्रवाई होगी.

जीतू पटवारी ने दी विजयवर्गीय को नसीहत
कैलाश विजयवर्गी के बयान पर जीतू पटवारी ने कहा कि, कैलाश जी से मैं अनुभव में बहुत छोटा हूं और उनके जितना विशाल अनुभव मेरे पास नहीं है राजनीति में मैं उनसे बहुत सारी चीज सीख रहा हूं. ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय को ओछे बयानों की राजनीति से बचना चाहिए. जीतू पटवारी ने कहा कि कैलाश विजयवर्गी इंदौर के बेटे हैं जिनके बयान को पूरा देश सुनता है. पटवारी ने कहा कि ना मेरी इतनी हैसियत है कि मैं उन पर कटाक्ष करूं लेकिन उन्हें छोटे और ओछे बयानों से बचना चाहिए.

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