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भारत के हर कोने में हर दिन पर्याप्त सूरज की रोशनी मिलती है. विटामिन डी के लिए सबसे बड़ा स्रोत सूरज की रोशनी है लेकिन हकीकत यह है कि इतनी धूप के बावजूद 90 फीसदी भारतीय विटामिन डी की कमी के शिकार हैं. आखिर इसके क्या कारण हैं और इसके लिए क्या किया जाना चाहिए, आइए इसके बारे में जानते हैं.

विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण चीज है जिससे शरीर में कैल्शियम सहित कई चीजों का अवशोषण होता है. अगर विटामिन डी की कमी हो जाए तो हड्डियों बेहद कमजोर हो जाएगी और मांसपेशियों में जान खत्म हो जाएगी. विटामिन डी सीधे हमें सूर्य की रोशनी से मिल जाता है. भारत में सूरज की रोशनी की कोई कमी नहीं है. यह देश के हर कोने में हर जगह आसानी से उपलब्ध है. इसके बावजूद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में अधिकांश लोगों को विटामिन डी की कमी है. यहां तक कि जो लोग हेल्दी दिखते हैं उनमें भी विटामिन डी की कमी होती है. एक हालिया स्टडी में पाया गया था कि उत्तर भारत में 91 फीसदी से ज्यादा लोगों में विटामिन डी की कमी है. यह हैरान कर देने वाले आंकड़े हमारे लिए चिंता की बात है. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है कि इतनी धूप के बावजूद हमारे देश में लोगों को विटामिन डी की कमी हो रही है.

विटामिन डी की कमी के कारण

1. बाहर कम निकलना-स्टडी के मुताबिक इतनी धूप के बावजूद भारतीय में विटामिन डी की कमी के कई कारण हैं. टीओआई की खबर के मुताबिक इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अधिकांश लोग अपने काम-काज में इतने व्यस्त होते हैं कि वे धूप में कुछ देर भी अपना समय नहीं बिताते. शहरीकरण के कारण ज्यादातर भारतीय घरों में ही सब काम कर लेते हैं. बच्चे भी स्कूल जाते हैं फिर घर आते हैं, बाहर में बहुत कम खेलते हैं. ऑफिस-घर फिर ऑफिस-घर, इसी में पूरा समय चला जाता है.

2. स्किन का डार्क होना-इसका दूसरा कारण यह है कि भारतीय लोगों की स्किन का रंग डार्क है जिस कारण स्किन में विटामिन डी को सिंथेसिस करने की क्षमता कम होती है. डार्क स्किन में मेलेनिन कंपाउड ज्यादा होता है जो अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव के लिए होता है. इसका मतलब यह है कि हम लोग ज्यादा देर तक धूप में रहेंगे तब जाकर विटामिन डी का सिंथेसिस सही से होगा.

3. एयर पॉल्यूशन-हमारे देश में एयर पॉल्यूशन बहुत ज्यादा हो गया है. सूरज की किरणों को पॉल्यूशन में मौजूद गंदे कण रोक लेते हैं जिस कारण रोशनी सही से धरती तक नहीं पहुंचती. जहां पॉल्यूशन ज्यादा है, वहां ज्यादातर लोगों में विटामिन डी की कमी होती है.

4. डाइट-बहुत कम चीजों से हमें विटामिन डी मिल सकता है लेकिन हम इन फूड को बहुत कम खाते हैं. जैसे फैटी फिश जैसे कि सेलमन, टूना, मर्केल, अंडे की जर्दी, मशरूम, फोर्टिफाइड फूड आदि में विटामिन डी होता है लेकिन ये चीजें हमारे भोजन का हिस्सा कम बन पाती है.

कैसे विटामिन डी की कमी को पूरा करें

हमें विटामिन डी की कमी हो या नहीं इसकी खुराक लेने के लिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए. हम इसे अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. सुबह 10 बजे से 3 बजे के बीच में हमें मैक्सिमम धूप मिल सकती है लेकिन अमूमन इस अवधि के दौरान हम काम पर रहते हैं. ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आपके शरीर में विटामिन डी मौजूद रहे तो इसी समय में आपको कम से कम 10 से 30 मिनट तक धूप में अपना समय बिताना चाहिए. धूप में पूरा शरीर कपड़े से ढका होगा तो इससे भी दिक्कत होगी इसलिए कोशिश कीजिए कि शरीर के कुछ अंग सीधे धूप के संपर्क में हो. घर को इस तरह से बनाएं जहां हर दिन सूरज की रोशनी पहुंच सके. अपने आसपास के एरिया को हरा-भरा करें ताकि पॉल्यूशन का कम असर हो. भोजन में भी विटामिन ड वाले फूड को रेगुलर शामिल करें. इसके लिए सेलमन, टूना, सार्डिन, मर्केल आदि मछलियों का सेवन करें. अंडे की जर्दी से भी विटामिन डी को प्राप्त किया जा सकता है. इके अलावा आप यदि वेजिटेरियन हैं तो फोर्टिफाइड दूध, ऑरेंज जूस और फोर्टिफाइड अनाज का सेवन करें. वहीं मशरूम में भी विटामिन डी होता है. विटामिन डी के लिए नियमित रूप से चेकअप कराएं. यदि कम है तो विटामिन डी सप्लीमेंट जरूर लें. लेकिन इसके लिए डॉक्टर से जरूर सलाह लें.

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