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एक व्यक्ति ने अपने दोस्त को दिया वचन निभाने के लिए अपनी कुर्सी छोड़ दी और इस्तीफा दे दिया. इस कदम ने सच्ची दोस्ती और नैतिकता की अनोखी मिसाल पेश की. यह घटना लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है, जो रिश्तों और वादों के महत्व को समझते हैं. इसने दिखा दिया कि दोस्ती से बढ़कर कुछ नहीं.

प्राण जाई पर वचन ना जाई कि तर्ज पर यह अनोखा मामला बुंदेलखंड के सागर जिले का है, जहां 100 साल से अधिक पुरानी गढ़ाकोटा नगर पालिका में यह उदाहरण देखने को मिला है. करीब डेढ़ सौ करोड़ के सालाना बजट वाली इस नगर पालिका में 2 साल पहले दीपा दिनेश लहरिया को सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था, अपने वादे के मुताबिक समय होते ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 22 नवंबर को नए अध्यक्ष के रूप में संगीता मनोज तिवारी ने जिम्मेदारी संभाली है.

दरअसल, रहली विधानसभा में आने वाली गढ़ाकोटा नगर पालिका में 2022 में सभी 23 पार्षद भाजपा के चुनकर आए थे. अनारक्षित महिला अध्यक्ष के पद के लिए दो दावेदार थे, यह दोनों आपस में दोस्त थे और एक साथ एक समय से ही पार्षद चुनकर आ रहे हैं. तब कौन अध्यक्ष बनेगा के लिए दुविधा खड़ी हो गई थी. ऐसे में तब वहां के कद्दावर नेता गोपाल भार्गव ने इनके बीच आपसी समझौता करवाया था, जिसमें इस बात को रखा गया था कि वे दोनों ही नेताओं को अध्यक्ष पद की कमान सौंपेंगे, लेकिन जो पहले अध्यक्ष बनेगा उसे 2 साल का कार्यकाल मिलेगा और जो बाद में बनेगा उसे 3 साल का कार्यकाल मिलेगा. इसी समझौते के तहत दीपा लहरिया पहले अध्यक्ष बनी थी और जैसे ही उनका समय पूरा हुआ, तो बिना किसी के कहे बिना किसी का मैसेज मिले. उन्होंने अपने वचन को निभाने के लिए सीधा त्यागपत्र लिखकर भोपाल भेज दिया. शासन ने 8 नवंबर को इसे मंजूर कर लिया था. इसके बाद 22 नवंबर को निर्वाचन की प्रक्रिया निर्धारित की गई.

निर्वाचन की प्रक्रिया में रिटर्निंग अधिकारी के रूप में रहली एसडीएम उपस्थित हुए, जिसमें एकमात्र नामांकन संगीता तिवारी का आया. एक बार फिर सभी की सर्वसम्मति से गढ़ाकोटा को नया अध्यक्ष दिया गया. वहीं अध्यक्ष का चुनाव होते ही उनके समर्थकों के द्वारा बाजार में आलू बंडा कचोरी लड्डू उत्साह में फ्री बांटे गए, जिनको लेने के लिए भीड़ उमर परी.

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