
अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस बार सुरक्षा के मोर्चे पर बड़ी कार्रवाई की है। 3 जुलाई से शुरू होने जा रही यात्रा से पहले पूरे यात्रा मार्ग को ‘नो फ्लाइंग ज़ोन’ घोषित कर दिया गया है। 1 जुलाई से 10 अगस्त तक यह पाबंदी प्रभावी रहेगी, जिसके तहत ड्रोन, UAV और हवाई गुब्बारों जैसे हवाई उपकरणों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
गृह मंत्रालय की सिफारिश पर लिया गया निर्णय
यह फैसला गृह मंत्रालय के निर्देश पर लिया गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के गृह विभाग ने पहलगाम और बालटाल सहित पूरे रूट को इस आदेश के तहत लाया है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ड्रोन जैसे उपकरणों से खतरे की संभावना बनी रहती है, जिसे देखते हुए यह एहतियाती कदम उठाया गया है।
किन पर लागू होगा प्रतिबंध, किन्हें मिली छूट
यह प्रतिबंध सभी आम नागरिकों द्वारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले उपकरणों पर लागू रहेगा — जैसे:
- छोटे व बड़े ड्रोन
- कैमरा ड्रोन
- हवाई गुब्बारे
हालांकि, मेडिकल इमरजेंसी, आपदा राहत कार्य या सुरक्षा बलों द्वारा अधिकृत निगरानी अभियानों को इस पाबंदी से छूट मिलेगी।
580 कंपनियां सुरक्षा में तैनात होंगी
सरकार ने अमरनाथ यात्रा के सफल संचालन हेतु 580 कंपनियों की अतिरिक्त सुरक्षा तैनाती की योजना बनाई है। इसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की बड़ी भूमिका रहेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि आमजन का सहयोग ही यात्रा की सफलता की कुंजी है।
पिछले हमलों से मिली सीख
पिछले वर्षों में हुए आतंकी हमलों के मद्देनज़र इस बार पहले से तैयार सुरक्षा रणनीति अपनाई जा रही है। खासकर पहलगाम मार्ग पर बीते वर्षों में हुई घटनाओं ने सरकार को चौकस कर दिया है।
तीर्थयात्रियों के लिए अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे:
- अनजान वस्तु या गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षा बलों को दें।
- ड्रोन या अन्य हवाई उपकरणों का प्रयोग न करें।
- यात्रा मार्ग में प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें।