
भोपाल।
मध्यप्रदेश ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। राज्य सरकार ने फ्रांस के साथ सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह ऐतिहासिक एमओयू मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भारत में फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी मथौ, प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला, और अलायंस फ्रांसेज डी भोपाल के अध्यक्ष अखिलेश वर्मा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा करार
यह समझौता तीन वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा और पारस्परिक सहमति से आगे बढ़ाया जा सकेगा। इसका उद्देश्य मध्यप्रदेश को भारत-फ्रांस सांस्कृतिक और पर्यटन सहयोग का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाना है।
सीएम बोले: नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ेगा प्रदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस समझौते को प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि यह सहयोग न केवल मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूती देगा, बल्कि पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उनकी प्रस्तावित फ्रांस यात्रा में औद्योगिक विकास, शिल्पकला और उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने की योजना है।
फ्रांसीसी राजदूत ने जताया विश्वास
फ्रांस के राजदूत डॉ. थिएरी मथौ ने इसे सांस्कृतिक कूटनीति को सशक्त करने वाला कदम बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता शिक्षा, कला, पर्यटन और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में भारत और फ्रांस के संबंधों को नई दिशा देगा।
इन क्षेत्रों में होगा सहयोग
- भारत-फ्रांस सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
- इंडो-फ्रेंच सांस्कृतिक कैलेंडर का निर्माण
- फ्रेंच भाषा में पर्यटन सामग्री का अनुवाद
- पर्यटन अधिकारियों को फ्रांसीसी भाषा में प्रशिक्षण
- संयुक्त फिल्म, संगीत, नृत्य और कला प्रदर्शनियां
स्थानीय प्रतिभाओं को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
इस करार के ज़रिए मध्यप्रदेश के कलाकारों, शिल्पियों, विद्यार्थियों और सांस्कृतिक संगठनों को वैश्विक पहचान मिलेगी। राज्य की सांस्कृतिक विरासत को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
पर्यटन स्थलों का भ्रमण
समझौते से पहले फ्रांसीसी राजदूत ने सांची और भीमबेटका जैसे विश्व धरोहर स्थलों का दौरा किया। उन्हें इन स्थलों के ऐतिहासिक महत्व के बारे में गाइड स्कॉट अजय सिंह ने विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह, फ्रांस के कौंसुल जनरल जीन मार्क सेरे शार्ले और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।