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मध्य प्रदेश में गिद्धों की संख्या और उनकी स्थिति के आकलन के लिए गिद्ध गणना वर्ष 2024-25 पूरे प्रदेश में 17 फरवरी से दो चरणों की शुरू की जाएगी. गिद्धों की गणना केवल उन गिद्धों की जाती है, जो केवल बैठे हुए अवस्था में होते हैं.
मध्य प्रदेश में गिद्धों की संख्या कितनी है, इसको लेकर आज से अगले तीन दिनों तक गिद्धों की गणना का काम शुरू होने जा रहा है. दो दिन में तीन चरणों में पूरी होने वाली गिद्धों की गणना का काम पूरा कर लिया जाएगा. गिद्धों की गणना काम प्रदेश मे गर्मियों और सर्दियों में दो बार किया जाता है.
मध्य प्रदेश में गिद्धों की संख्या और उनकी स्थिति के आकलन के लिए गिद्ध गणना वर्ष 2024-25 पूरे प्रदेश में 17 फरवरी से दो चरणों की शुरू की जाएगी. गिद्धों की गणना केवल उन गिद्धों की जाती है, जो केवल बैठे हुए अवस्था में होते हैं.
गिद्धों के आकलन के लिए साल में दो बार गणना की जाती है
गौरतलब है प्रदेश में गिद्धों के आकलन के लिए साल में दो बार उनकी गणना की जाती है. शीतकालीन गिद्ध गणना 17, 18 और 19 फरवरी को होगी, जबकि ग्रीष्मकालीन समय में गिद्धों की गणना 29 अप्रैल 2025 को की जाएगी. शीतकालीन गिद्ध गणना सुबह 7 -8 बजे तक ऊंची चट्टान में होती है, लेकिन ग्रीष्मकाल में अधिकतम 9 बजे तक गणना की जाती है.
मध्य प्रदेश फिलहाल गिद्धों की संख्या 10 हजार से अधिक है
मध्य प्रदेश वन विभाग के मुताबिक प्रदेश में गिद्धों की संख्या 10 हजार से अधिक है. उनके मुताबिक गिद्ध गणना का मुख्य उद्देश्य उनकी संख्या का सही आकलन करना और उनके संरक्षण के प्रयासों की सफलता का मूल्यांकन करना है. उन्होंने बताया कि गिद्धों का संरक्षण इंसानों के लिए बहुत जरुरी है.
गिद्धों की गणना के लिए सभी सर्कल और डिवीजन स्तर पर मास्टर ट्रेनर और प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षण में 900 से अधिक वन अधिकारी, कर्मचारी, गिद्ध विशेषज्ञ और पक्षी प्रेमी शामिल हुए. जो गिद्ध गणना का सही आकलन करेंगे.
पन्ना टाइगर रिजर्व में है मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा गिद्ध
पिछले साल हुई गिद्धों की गणना में 11 हजार के करीब गिद्ध थे. आंकड़ों के मुताबिक पन्ना टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक गिद्ध हैं, जबकि भोपाल में सफेद पीठ वाले गिद्ध सर्वाधिक पाए जाते हैं. इस बार संभावना जताई जा रही है कि गिद्धों की संख्या 12 हजार से अधिक हो सकती है.
900 वनकर्मियों को दिया गया 3 दिवसीय ट्रेनिंग
गिद्धों की गणना के लिए विभाग द्वारा सभी सर्कल और डिवीजन स्तर पर मास्टर ट्रेनर और प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. इसके लिए इन्हें तीन दिवसीय ट्रेनिंग दी गई. गिद्धों की गणना के लिए हुए इस प्रशिक्षण में 900 से अधिक वन अधिकारी, कर्मचारी, गिद्ध विशेषज्ञ और पक्षी प्रेमी शामिल हुए. जो गिद्ध गणना का सही आकलन करेंगे.