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RSS ने अपने शताब्दी वर्ष के अवसर पर दावा किया है कि महात्मा गांधी 1934 में संघ के शिविर में पहुंचे थे और डॉ. आंबेडकर 1940 में संघ की शाखा में भेंट देने आए थे। RSS ने इसके समर्थन में पेपर की कटिंग भी प्रस्तुत की।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है, और इस खास मौके पर उसने एक बड़ा दावा किया है। RSS ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि महात्मा गांधी और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर संघ की शाखाओं में शामिल हो चुके हैं। संघ के मुताबिक, गांधी 1934 में संघ के एक शिविर में पहुंचे थे जबकि आंबेडकर ने 1940 में संघ की एक शाखा में भेंट दी थी। बता दें कि RSS ने अपने दावे के समर्थन में पेपर की एक कटिंग भी दिखाई है।

‘वर्धा के शिविर में गांधी तो सतारा की शाखा में आए थे आंबेडकर’

RSS के विश्व संवाद केंद्र ने एक बयान जारी कर बताया कि महात्मा गांधी 1934 में वर्धा स्थित संघ के शिविर में पहुंचे थे। बता दें कि यह दौरा उस समय हुआ था जब भारत स्वतंत्रता संग्राम में जुटा हुआ था, और गांधीजी के विचारों का पूरे देश पर गहरा असर था। विश्व संवाद केंद्र ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर 2 जनवरी 1940 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के कराड में संघ की एक शाखा में भेंट देने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित भी किया।

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RSS ने पेपर की कटिंग भी शेयर की।

संघ की शाखा में अपने संबोधन में क्या बोले थे आंबेडकर?

विश्व संवाद केंद्र के मुताबिक, डॉ. आंबेडकर ने अपने संबोधन में कहा था कि कुछ मुद्दों पर उनके और संघ के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद वह संघ को अपनेपन की भावना से देखते हैं। बयान के मुताबिक, डॉ. आंबेडकर के इस दौरे के बारे में एक खबर 9 जनवरी 1940 को पुणे के प्रसिद्ध मराठी दैनिक ‘केसरी’ में प्रकाशित हुई थी। ‘केसरी’ द्वारा प्रकाशित इस खबर में डॉ. आंबेडकर के संघ शाखा के दौरे का उल्लेख किया गया था। विश्व संवाद केंद्र ने अपने दावे के समर्थन में खबर की एक प्रति अपने बयान में संलग्न की है।

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