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छत्तीसगढ़ के रहने वाले एमपी में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए एक जवान ने अपनी जान गवा दी. इसके बाद जब उसका पार्थिव शरीर उसके घर पहुंचा तो उसे बहुत ही सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का जवान निवासी टकेश्वर निषाद मध्य प्रदेश के बालाघाटमें नक्सल मोर्चे पर तैनात था. सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गई. इसके बाद उसके पार्थिव शरीर को उसके घर लाया गया. जहां न केवल उसका परिवार दुखी था, बल्कि पूरे गांव की आंखें नम थी. अंतिम विदाई के दौरान श्मशान घाट पर जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम सलामी दी. शहीद जवान की शादी हो चुकी थी और उसकी 6 महीने की एक बेटी है. बताया गया कि टकेश्वर निषाद 2020 से बालाघाट में पदस्थ था.

शहीद जवान के शव को विदाई देने के लिए उमड़ी भीड़
नक्सल सर्चिंग में गंवाई जान
शहीद टकेश्वर निषाद नक्सल मोर्चे पर सर्चिंग के लिए बोलोरो गाड़ी से निकले हुए थे. बोलेरो वाहन में पांच लोग सवार थे. तभी रास्ते में वाहन अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसमें चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि मौके पर ही धमतरी निवासी टाकेश्वर निषाद की मौत हो गई. इसके बाद शहीद CRPF जवान टाकेश्वर निषाद का पार्थिव शरीर धमतरी पहुंचा, जहां शव को जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखा गया था. जंवरगांव के युवाओं ने जिला अस्पताल से बाईक रैली निकालकर शहीद के पार्थिव शरीर को गांव लेकर पहुंचे. इस दौरान जगह-जगह पुष्प वर्षा कर जवान को श्रद्धांजलि दी गई.
खास तरीके से हुई अंतिम विदाई
बालाघाट से पहुंचे सीआरपीएफ के सातवीं बटालियन के अधिकारी और जवानों और धमतरी के जवानों ने श्मशान घाट में गार्ड ऑफ ऑनर और सलामी देने के बाद अंतिम संस्कार किया. इस दौरान शहीद जवान की 6 माह की बेटी और पत्नी और अन्य परिवार वालों ने नम आंखों से विदाई दी. शहीद जवान की पत्नी सहित परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था. जैसे ही जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो लोगों की भीड़ देखने को मिली.