तेलंगाना विधानसभा की कुल 119 सीटों के लिए 2,290 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। राज्य के 3.26 करोड़ मतदाता इनकी किस्मत का फैसला करेंगे। राज्य में 35,655 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। राज्यभर में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोटिंग होगी।

पिछली बार किस पार्टी को कितने सीटें मिली थीं?

जब 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो 119 सदस्यीय विधानसभा में बीआरएस को सबसे ज्यादा 88 सीटें मिलीं। दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस के 19 उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आईएमआईएम को सात, टीडीपी को दो, भाजपा को एक, एआईएफबी (ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक) को एक सीट मिली। इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली।

पीएम मोदी ने किया लोकतंत्र के पर्व को मजबूत करने का आह्वान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में तेलंगाना के मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की। पीएम ने कहा, मैं तेलंगाना की अपनी बहनों और भाइयों से रिकॉर्ड संख्या में मतदान करने और लोकतंत्र के पर्व को मजबूत करने का आह्वान करता हूं। मैं विशेष रूप से युवा और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह करता हूं। 

तेलंगाना में 119 सीटों के लिए मतदान शुरू

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। इससे पहले चुनावकर्मियों ने मॉक पोलिंग कर तैयारियों का जायजा लिया। वोटिंग शुरू होने से पहले ही पोलिंग बूथ के बाहर मतदाता इकट्ठे होने शुरू हो गए थे। राज्य में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहित 109 दलों के 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं।

मतदान से पहले मॉक पोलिंग

तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान आज सुबह सात बजे शुरू होगा। इससे पहले चुनावकर्मियों ने तैयारी के तहत मतदान केंद्रों पर मॉक पोल किया और ईवीएम को चेक किया।

तेलंगाना के मौजूदा सियासी समीकरण 

तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा में बीआरएस के 101, एआईएमआईएम के सात, कांग्रेस के पांच, भाजपा के तीन और एआईएफबी का एक विधायक है। एक सीट पर निर्दलीय विधायक है, जबकि एक सीट अभी खाली है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा के बीच होने की उम्मीद है। इसके अलावा टीडीपी और एआईएमआईएम जैसे दल भी अपनी दावेदारी को मजबूत बता रहे हैं। 

06:26 AM, 30-NOV-2023

त्रिकोणीय मुकाबला

इस बार तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की बात कही जा रही है। बीआरएस पिछले 10 वर्षों में सरकार के कार्यों और वादों के आधार पर लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने की उम्मीद लगाए हुए है। वहीं कांग्रेस तेलंगाना के गठन के बाद राज्य में अपनी पहली सरकार बनाने के लिए बेताब है। भाजपा ने भी चुनाव प्रचार के दौरान बीआरएस के ‘परिवारवाद और भ्रष्टाचार’ को प्रमुखता से उठाया और साफ-सुथरी सरकार देने का वादा किया है।

103 विधायक फिर से चुनाव मैदान में

राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों सहित 109 दलों के कुल 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 221 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर शामिल हैं। इस बार कुल 103 विधायक फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से अधिकांश सत्तारूढ़ बीआरएस से हैं। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव दो सीटों- गजवेल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं। गजेवल में उनका मुकाबला भाजपा नेता एटला राजेंद्र से है और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी कामारेड्डी में केसीआर के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। एटला और रेवंत रेड्डी भी दो-दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं।

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