New Delhi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस सरकार ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राजधानी निकोसिया स्थित प्रेसिडेंशियल पैलेस में एक भव्य और गरिमामय समारोह के दौरान प्रदान किया।


“यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का” – पीएम मोदी

सम्मान ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,

“यह सम्मान सिर्फ नरेंद्र मोदी का नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की क्षमताओं, संस्कृति और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना का सम्मान है।”

उन्होंने इसे भारत के लोकतंत्र, जनशक्ति और वैश्विक भूमिका की मान्यता करार दिया।


भारत-साइप्रस संबंधों में नई ऊर्जा

सम्मान समारोह से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया गया। इसके बाद भारत और साइप्रस के राष्ट्राध्यक्षों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें आर्थिक सहयोग, रक्षा संबंध, साइबर सुरक्षा, हरित ऊर्जा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने संबंधों को “रणनीतिक साझेदारी” तक विस्तार देने की इच्छा जताई।


मोदी को अब तक 21 देशों से मिल चुका सर्वोच्च सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी को अब तक 21 देशों द्वारा उनके अंतरराष्ट्रीय योगदान और वैश्विक नेतृत्व के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिल चुका है। इनमें रूस, अमेरिका, फ्रांस, यूएई, सऊदी अरब, जापान और मिस्र जैसे प्रमुख राष्ट्र शामिल हैं। यह उपलब्धि उन्हें विश्व स्तर पर सबसे अधिक नागरिक सम्मानों से सम्मानित राष्ट्राध्यक्षों में शामिल करती है।


अब G7 सम्मेलन में होंगे शामिल

साइप्रस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के क्यूबेक रवाना होंगे, जहां वह G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में वे वैश्विक जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आर्थिक सुरक्षा और वैश्विक दक्षिण के हितों जैसे मुद्दों पर भारत की ओर से विचार साझा करेंगे। भारत इस बार विशेष आमंत्रित देश के रूप में सम्मिलित हो रहा है।


साइप्रस दौरे का पहला दिन रहा ऐतिहासिक

प्रधानमंत्री मोदी रविवार को साइप्रस पहुंचे, जहां उन्हें रेड कार्पेट स्वागत दिया गया। उन्होंने भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और प्रवासी भारतीयों की भूमिका को सराहा। इसके अलावा, राष्ट्रपति द्वारा आयोजित स्टेट डिनर में भी प्रधानमंत्री मोदी ने भाग लिया, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का आह्वान किया।

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