
सरगुजा/उदयपुर।
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले स्थित ऐतिहासिक रामगढ़ नाट्यशाला परिसर में इस वर्ष रामगढ़ महोत्सव की स्वर्ण जयंती वर्ष की शुरुआत अत्यंत भव्यता और श्रद्धा के साथ की गई।
आषाढ़ माह के प्रथम दिन, दो दिवसीय इस आयोजन का शुभारंभ विधायक राजेश अग्रवाल सहित अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और भगवान श्रीराम के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ।
राम वनगमन पथ में विशेष स्थान रखता है रामगढ़
अपने उद्घाटन भाषण में विधायक राजेश अग्रवाल ने कहा:
“रामगढ़ केवल एक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, संस्कृति और गौरवशाली इतिहास का संगम है। यह कालिदास की तपोभूमि है और रामायणकालीन प्रसंगों से भी जुड़ा हुआ है।”
उन्होंने इस अवसर पर घोषणा की कि रामगढ़ में श्रीराम मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जो इस स्थान की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती देगा।
प्राचीन मंदिर तक पहुंच के लिए होगा विकास कार्य
विधायक ने रामगढ़ पहाड़ी स्थित प्राचीन मंदिर तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक विकास कार्यों की घोषणा की। इससे राम वनगमन पथ के इस ऐतिहासिक पड़ाव को श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाया जाएगा।
राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी बनी आकर्षण का केंद्र
महोत्सव के पहले दिन आयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में देशभर से आए विद्वानों और शोधार्थियों ने भाग लिया।
कालिदास, रामायण, और रामगढ़ की ऐतिहासिक महत्ता पर आधारित शोधपत्र प्रस्तुत किए गए।
प्रमुख वक्ताओं में आचार्य डॉ. नीलिम्प त्रिपाठी (भोपाल), डॉ. शैलेष कुमार तिवारी (काशी), और डॉ. ललित शर्मा (रायपुर) शामिल रहे।
सांस्कृतिक संध्या में झलकी लोक और शास्त्रीय छटा
दूसरे दिन की सांस्कृतिक संध्या में प्रदेश के नामचीन कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
लोकगायक संजय सुरीला ने छत्तीसगढ़ी लोकगीतों से भावविभोर कर दिया, तो राहुल मंडल की टीम ने भजन प्रस्तुति से भक्तिरस घोला।
नृत्यांगना रित्विका बनर्जी और शिव तांडव प्रस्तुतकर्ता सूर्यप्रताप शर्मा ने मंच को जीवंत कर दिया।
बड़ी संख्या में आमजन और जनप्रतिनिधि रहे शामिल
समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष निरूपा सिंह, महापौर मंजूषा भगत, सीईओ विनय अग्रवाल, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी और हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
आयोजन का समापन श्रद्धामय और उत्सवी माहौल में हुआ, जिसने रामगढ़ की धार्मिक गरिमा को और प्रखर किया।