
नई दिल्ली/विशाखापत्तनम।
इस वर्ष 21 जून को मनाया जाने वाला 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस देशभर में ऐतिहासिक स्वरूप ले रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार आंध्र प्रदेश के तटीय शहर विशाखापत्तनम में योगाभ्यास का नेतृत्व करेंगे। वे लगभग 45 मिनट के सत्र में 19 योगासन करेंगे। इस आयोजन में अनुमानित 5 लाख प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा योग आयोजन बना सकता है।
योग को आमजन की दिनचर्या से जोड़ने की पहल
योग को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आंध्र प्रदेश सरकार विशेष तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की है कि राज्यभर में 1,000 नए योग पार्क शुरू किए जाएंगे। इन पार्कों के माध्यम से लोगों को प्रतिदिन योग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
दिल्ली में 111 स्थानों पर होंगे योग सत्र
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी योग दिवस को भव्य रूप देने की तैयारी में जुटी है। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के संयोजन में लाल किला, लोधी गार्डन और कर्तव्य पथ सहित 111 स्थानों पर योग अभ्यास कार्यक्रम आयोजित होंगे। इनमें एक लाख से अधिक लोगों की भागीदारी की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से मिलेगा वैश्विक रंग
केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि विशाखापत्तनम के आयोजन में 40 देशों से प्रतिनिधि और योग साधक भाग लेंगे। इसके अलावा 20 देशों से योगगुरु और प्रशिक्षक भी शामिल होंगे। भारत में अध्ययनरत विदेशी छात्र भी इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे, जिससे इस आयोजन को वैश्विक पहचान मिलेगी।
NCR और अन्य राज्यों में भी व्यापक आयोजन
एनसीआर क्षेत्र और विभिन्न राज्यों में मंत्रालयों, विभागों और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा हजारों योग शिविरों की योजना बनाई गई है। दिल्ली सरकार शहरभर में 10 प्रमुख योग सत्र आयोजित करेगी, जिससे बड़ी संख्या में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
1,300 से अधिक योग संगम रजिस्टर्ड
दिल्ली में अभी तक 1,300 से अधिक योग संगम पंजीकृत हो चुके हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि योग अब विशिष्ट वर्ग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाज के हर तबके ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर वर्ग योग के प्रति जागरूक हो रहा है।
सरकार का उद्देश्य: योग को बनाना स्थायी जीवनशैली
केंद्रीय मंत्री जाधव के अनुसार, सरकार की मंशा इस आयोजन को केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि प्रभावशाली और स्थायी बनाना है। योग दिवस को माध्यम बनाकर सरकार हर व्यक्ति तक योग की पहुंच सुनिश्चित करना चाहती है, ताकि योग केवल एक दिन की गतिविधि न होकर, एक नियमित जीवनशैली बन जाए।