पटना।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने 78वें जन्मदिन पर एक अनोखा और चर्चा में रहने वाला अंदाज अपनाया। उन्होंने बुधवार को अपने आवास पर 78 किलो का लड्डू केक तलवार से काटा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस आयोजन में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ मौजूद रही, लेकिन समारोह का यह दृश्य विपक्ष के लिए आलोचना का कारण बन गया है।

समर्थकों के बीच जोश, तलवार से केक काटकर मचाया धमाल

पटना स्थित अपने आवास पर लालू यादव ने कार्यकर्ताओं और परिजनों के बीच जन्मदिन का उत्सव मनाया। मंच पर पहले से ही 78 किलो का विशाल लड्डू केक सजा हुआ था। समर्थकों ने मंच पर तलवार भेंट की, जिसे लालू यादव ने हाथ में लेकर जोशीले अंदाज में केक काटा। इस दौरान उन्होंने मेज पर एक पैर भी रखा, जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं।

मांझी का तंज: “AK-47 से केक उड़ाया जाएगा!”

लालू यादव के इस अंदाज पर हम पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर चुटकी ली। उन्होंने लिखा—

“आज जब सरकार में नहीं हैं तो साहब तलवार से केक काट रहे हैं। गलती से बेटवा कुछ बन गया तो AK-47 से केक उड़ाया जाएगा।”
हालांकि, मांझी ने अपने संदेश के अंत में लालू को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनका तंज हल्के-फुल्के व्यंग्य के रूप में था।

राजनीतिक सफर और विरासत

11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज जिले के फुलवरिया गांव में जन्मे लालू यादव ने पटना यूनिवर्सिटी से कानून और राजनीति शास्त्र में शिक्षा प्राप्त की। कॉलेज जीवन से ही वे छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे।

  • 1977 में वे पहली बार विधायक बने।
  • 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने और 1997 में राजद की स्थापना की।
  • 2004 से 2009 तक केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए रेलवे को मुनाफे में लाने के लिए खासे चर्चित हुए।

विवाद भी बने राजनीतिक पहचान का हिस्सा

लालू यादव का नाम जहां सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों की राजनीति से जुड़ा रहा, वहीं चारा घोटाले जैसी घटनाओं ने उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित भी किया। वर्तमान में वे स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय राजनीति से कुछ हद तक दूर हैं, लेकिन राजद में उनकी पकड़ अब भी अडिग मानी जाती है।

समर्थकों में उत्साह, विरोधियों के लिए मुद्दा

लालू यादव के जन्मदिन समारोह में भारी उत्साह देखने को मिला। कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया और बधाइयों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। लेकिन उनका तलवार से केक काटना और मेज पर पैर रखने का अंदाज विपक्षी दलों के लिए एक नया राजनीतिक हथियार बन गया है।
सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं — कुछ इसे “नायक सरीखा अंदाज” कह रहे हैं, तो कुछ “गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार” करार दे रहे हैं।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *