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देश में चांदी की कीमतों ने रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार पकड़ ली है। एक किलोग्राम चांदी की कीमत जहां हाल ही में ₹1 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है, वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह तेजी थमने वाली नहीं है। आगामी दिवाली तक चांदी ₹1.30 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है।

चांदी की कीमतें क्यों चढ़ रही हैं?

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय सुरेश केड़िया के अनुसार, चांदी के दामों में यह उछाल वैश्विक बाजार में तकनीकी ब्रेकआउट और औद्योगिक मांग में तेजी के चलते आ रहा है। हाल ही में इंटरनेशनल मार्केट में चांदी ने $37 प्रति औंस का स्तर पार किया है, जो बीते वर्षों का अहम रिकॉर्ड है।

इसके साथ ही, अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव में कमी से उद्योगों में चांदी की मांग बढ़ी है। खासकर 5G तकनीक, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में चांदी का उपयोग 53% से अधिक तक हो रहा है।

गोल्ड-सिल्वर रेशियो क्या कहता है?

वर्तमान में गोल्ड-सिल्वर रेशियो 91 के करीब है, जो दिखाता है कि चांदी अभी भी सोने की तुलना में सस्ती और अधिक लाभदायक निवेश विकल्प बनी हुई है। ऐतिहासिक तौर पर जब यह रेशियो घटता है, चांदी की कीमतों में तीव्र बढ़ोतरी देखी जाती है।

चांदी की आपूर्ति में कमी, लगातार डेफिसिट

सिल्वर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट बताती है कि यह लगातार पांचवां साल है जब चांदी की मांग, उसकी आपूर्ति से अधिक रही है। इस डेफिसिट ने कीमतों को और उछाल दिया है।

निवेश के लिए बढ़ती रुचि

चांदी में निवेश अब केवल परंपरागत त्योहारों तक सीमित नहीं रहा। डिजिटल चांदी, ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) और मल्टी-एसेट म्यूचुअल फंड्स के ज़रिए अब आम निवेशक भी बड़ी संख्या में चांदी की ओर रुख कर रहे हैं।

क्या कहती है भविष्यवाणी?

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहा, तो दिवाली तक चांदी ₹1.25 लाख से ₹1.30 लाख प्रति किलो के बीच पहुंच सकती है। पिछले 60 दिनों में चांदी ने करीब 24% का रिटर्न दिया है, जो बाजार के अन्य परंपरागत निवेश साधनों से काफी बेहतर है।

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