
सही किस्म के कच्चे आम का चुनाव करें
अच्छा अचार बनाने की शुरुआत अच्छे कच्चे आम से होती है। हमेशा बिना रेशे, सख्त, पूरी तरह कच्चे और दाग-धब्बे रहित आम चुनें। ‘डसहरी’, ‘तोतापुरी’, ‘सरौली’ या ‘राजा’ जैसी किस्में अचार के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। खराब या आंशिक रूप से पके आम अचार को जल्दी खराब कर सकते हैं।
धोने और सुखाने में न करें लापरवाही
आम को धोने के बाद उसे अच्छे से कपड़े से पोंछें और फिर खुले में या पंखे के नीचे 5-6 घंटे तक सुखाएं। चाहें तो तेज धूप में भी सुखाया जा सकता है। आम में नमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यही नमी अचार को सड़ने और फफूंद लगने का कारण बनती है।
मसालों की गुणवत्ता और मात्रा का रखें ध्यान
अचार का असली स्वाद उसके मसालों से आता है। मेथी दाना, राई, सौंफ, हल्दी, लाल मिर्च, हींग जैसे ताजे मसाले लें और हल्का भूनकर दरदरा पीस लें। न तो मसाले ज़्यादा हों, न ही नमक या मिर्च की मात्रा अधिक हो, वरना स्वाद बिगड़ सकता है।
तेल का सही चुनाव करें
अचार को लंबे समय तक सुरक्षित रखने और स्वादिष्ट बनाने के लिए सरसों का तेल सबसे उपयुक्त माना जाता है। तेल को पहले अच्छी तरह गर्म कर ठंडा कर लें, फिर अचार में मिलाएं। इससे अचार लंबे समय तक खराब नहीं होगा।
अचार को धूप में रखना न भूलें
अचार डालने के बाद उसे 10-15 दिनों तक प्रतिदिन कुछ देर धूप में रखना चाहिए। इससे आम और मसालों का मिश्रण अच्छे से पकता है और नमी भी समाप्त हो जाती है। अचार को कांच, चीनी मिट्टी या स्टील की साफ और सूखी बर्नी में रखें और रोजाना एक सूखे चम्मच से हिलाते रहें।
नमी और गंदगी से बचाएं
बनने के बाद अचार को नमी से बचाना बहुत जरूरी है। अचार निकालते समय हमेशा सूखा और साफ चम्मच ही इस्तेमाल करें। गीले या गंदे हाथों से निकाला गया अचार जल्दी खराब हो सकता है। अचार की बर्नी को हमेशा ढककर रखें और सीधी धूप से भी सुरक्षित स्थान पर रखें।