सीकर (राजस्थान)।
खाटूश्याम मंदिर से अपहृत तीन वर्षीय मासूम रक्षम जाटव को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के स्यारहा गांव से सकुशल बरामद कर लिया है। बच्चे की 6 जून को दिनदहाड़े मंदिर परिसर से उसकी मां की आंखों के सामने से अपहरण कर लिया गया था, जिसके बाद से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी।

हालांकि पुलिस ने राहत की सांस ली है कि बच्चा सुरक्षित मिला, लेकिन अपहरण का मुख्य आरोपी सतीश सिंह अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।


भोपाल से दर्शन को आई मां से मिला था युवक

पीड़ित ललिता जाटव, निवासी भोपाल, 6 जून को अपनी मां और बेटे के साथ खाटूश्याम दर्शन के लिए पहुंची थीं। जयपुर रेलवे स्टेशन पर उनकी मुलाकात एक युवक से हुई, जिसने खुद को बाबा श्याम का भक्त बताया और उनके साथ यात्रा करने लगा।
जयपुर से रींगस होते हुए सभी खाटू पहुंचे। मंदिर में दर्शन के दौरान जब भीड़ अधिक हो गई और रक्षम अस्वस्थ हो गया, तो युवक ने भरोसा जीतते हुए कहा,
“दीदी आप दर्शन कर लो, बच्चे को मैं संभाल लूंगा।”
ललिता ने विश्वास कर बेटे को उसकी गोद में दे दिया, लेकिन जब वह वापस आईं तो युवक और बच्चा दोनों गायब थे।


वीडियो और सीसीटीवी फुटेज बने सुराग की कुंजी

गनीमत रही कि महिला ने घटना से पहले अपने मोबाइल से आरोपी का वीडियो बना लिया था, जिसे पुलिस ने जांच का आधार बनाया। साथ ही मंदिर परिसर के सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस को अहम सुराग मिले।


गांव के प्रधान को सौंपा था बच्चा, वहीं से मिली सूचना

सीकर एसपी भुवन भूषण यादव के अनुसार आरोपी सतीश सिंह, जो कि स्यारहा गांव (मथुरा) का रहने वाला है, बच्चे को लेकर ट्रेन से सीकर से मथुरा पहुंचा। वहां उसने मासूम को अपने ही गांव के प्रधान के हवाले कर दिया, यह कहकर कि वह अस्थायी रूप से उसकी देखभाल करे।
जब प्रधान को पूरे मामले पर संदेह हुआ, तो उसने स्थानीय पुलिस को सूचित किया। तत्परता से कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया।


अब भी फरार है आरोपी, मंशा पर रहस्य बरकरार

पुलिस के अनुसार आरोपी अविवाहित है और दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता है। उसका पूरा परिवार उसी गांव में रहता है।
बच्चे को अगवा करने की वास्तविक मंशा अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश तेज कर दी है।


बच्चा सकुशल परिवार के हवाले, भावुक हुए परिजन

पुलिस ने बच्चे को जब उसके माता-पिता को सौंपा, तो माहौल बेहद भावुक हो गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बच्चा मोबाइल से खेलता नजर आया, जिससे सभी ने राहत की सांस ली।
पुलिस अधिकारियों ने गांव के प्रधान की सतर्कता और मानवीय संवेदनशीलता की भी खुले दिल से सराहना की।

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