कांकेर (छत्तीसगढ़)।
जिले में शिक्षक अतिशेष नीति में व्याप्त अनियमितताओं और भेदभावपूर्ण प्रक्रिया के खिलाफ शिक्षकों का विरोध अब तेज़ हो गया है। 10 जून को शिक्षक साझा मंच के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने रैली निकालकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।

रैली नया बस स्टैंड से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए तहसील कार्यालय तक पहुंची, जहां शिक्षकों ने मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और संचालक लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) के नाम ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।


550 से अधिक शिक्षक ‘अतिशेष’ घोषित, दिव्यांग और महिला शिक्षक भी शामिल

प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने आरोप लगाया कि जिले में 550 से अधिक शिक्षकों को बिना उचित प्रक्रिया के अतिशेष घोषित कर दिया गया है, जिनमें कई दिव्यांग शिक्षक और महिला शिक्षक भी शामिल हैं।
उनका कहना है कि यह निर्णय मानवाधिकार और विभागीय नीति दोनों के विपरीत है। कई महिला शिक्षकों को 150 से 200 किमी दूर स्थानांतरित किया गया, जिससे उनके पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।


गणना में दोहरे मापदंड, शासन के निर्देशों का उल्लंघन

साझा मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि विभिन्न विकासखंडों में पदस्थापन और विषय चक्रीकरण की गणना में अलग-अलग मापदंड अपनाए गए हैं
यह प्रक्रिया राज्य शासन द्वारा जारी युक्तिकरण निर्देश (बिंदु क्रमांक 6) का उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि नवनियुक्त शिक्षकों को गणना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।


2008 सेटअप की बहाली और दोषियों पर कार्रवाई की मांग

शिक्षकों ने 2008 के सेटअप को पुनः लागू करने, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई, और कार्यभार सौंपे गए शिक्षकों को पुनः पूर्ववत स्थान पर पदस्थ करने की मांग रखी।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगे पूरी नहीं होतीं तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।


कलेक्टर अनुपस्थित, नायब तहसीलदार ने लिया ज्ञापन

प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर की अनुपस्थिति में ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा गया, जिन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्याओं पर शीघ्र विचार किया जाएगा।

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