
मुंबई।
बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान ने अपने लंबे फिल्मी करियर में पहली बार खुलकर स्वीकार किया है कि उनके द्वारा की गई कुछ पुरानी फिल्में और गाने आज के सामाजिक नजरिए से असंवेदनशील और अनुचित प्रतीत होते हैं। खासकर उन्होंने फिल्म ‘दिल’ (1990) के चर्चित गाने ‘खंबे जैसी खड़ी है’ को महिला विरोधी करार देते हुए आत्ममंथन की जरूरत पर बल दिया है।
पुरानी गलतियों पर आमिर की साफ स्वीकारोक्ति
एक इंटरव्यू में आमिर ने कहा, “मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफी मांगने में मुझे कोई झिझक नहीं है। करियर के शुरुआती दौर में कुछ चीजें कीं जो आज के संदर्भ में गलत लगती हैं। ‘खंबे जैसी खड़ी है’ ऐसा ही एक गाना है, जिसमें महिला की तुलना वस्तुओं से की गई है।”
आमिर ने यह भी जोड़ा कि उस समय उन्हें इस बात का बोध नहीं था कि ये दृश्य या गीत महिलाओं की गरिमा के विरुद्ध जा सकते हैं, लेकिन आज वह इसे पूरी जिम्मेदारी से स्वीकार करते हैं।
‘सत्यमेव जयते’ से लेकर आत्ममंथन तक
आमिर खान ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने अपने सामाजिक शो ‘सत्यमेव जयते’ के माध्यम से हमेशा महिला-सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने की कोशिश की है। उनका कहना है कि आज वे स्वयं भी अपने पुराने कार्यों का मूल्यांकन कर रहे हैं और सीखने की प्रक्रिया में हैं।
‘जाने तू…’ के सीन पर जताया खेद
इंटरव्यू के दौरान आमिर ने ‘जाने तू… जाने ना’ फिल्म के एक विवादित सीन का भी ज़िक्र किया जिसमें हीरो अपनी गर्लफ्रेंड को बचाने के लिए उसे एड्स पीड़िता बताता है। आमिर ने बताया कि एक लड़की द्वारा लिखे गए पत्र ने उनकी सोच पर गहरा असर डाला, जिसमें उस लड़की ने अपनी बहन के एड्स मरीज होने की बात कही थी।
आमिर बोले, “हमें लगता है कि हम सिर्फ मस्ती कर रहे हैं, लेकिन हमारे शब्द और दृश्य किसी के लिए पीड़ा का कारण बन सकते हैं। यह एहसास बहुत महत्वपूर्ण है।”
एनिमल विवाद के बीच आई आमिर की प्रतिक्रिया
यह बयान ऐसे समय आया है जब निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘एनिमल’ पर महिलाओं को गलत ढंग से चित्रित करने का आरोप लगा था। वांगा ने बचाव में आमिर खान की ‘दिल’ फिल्म के कंटेंट को भी निशाना बनाया था। अब आमिर खान ने स्वयं आगे बढ़कर इन आलोचनाओं को संजीदगी से लेते हुए सुधार की बात कही है।