प्रयागराज

शनिवार की रात प्रयागराज के सोनबरसा गांव में एक हृदय विदारक हादसा हुआ, जहां आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के चार सदस्य—पिता, मां और दो मासूम बेटियों की जलकर मौत हो गई। दर्दनाक हादसे में 10 वर्षीय सोन कुमारी और 8 वर्षीय आंचल ही बच सकीं, क्योंकि हादसे के वक्त वे अपने दादा-दादी के पास सो रही थीं।

“रात एक बजे तक सब साथ थे…”

घटनास्थल से फूट-फूटकर रोती सोन कुमारी ने बताया— “रात को एक बजे के करीब आग-आग की आवाज आई। मैं बाहर निकली तो देखा घर जल रहा था। मम्मी, पापा और बहनों को ढूंढा, पर जब आग बुझी तो उनकी जगह सिर्फ कंकाल थे।”

जिंदा जल गए मां-बाप और बहनें

वीरेंद्र वनवासी, उनकी पत्नी पार्वती, और दो बेटियां राधा (6)करिश्मा (4) अपने कच्चे मकान में सो रहे थे। आकाशीय बिजली गिरने से झोपड़ी में आग लग गई और सभी की जिंदा जलकर मौत हो गई। आग इतनी भीषण थी कि सिर्फ कंकाल ही बचे

बच गईं दो बेटियां, पर खो दिया सबकुछ

वीरेंद्र की दो बड़ी बेटियां सोन और आंचल दादा-दादी के पास 25 मीटर दूर सो रही थीं, जिससे वे बच गईं। दोनों की किताबें, कपड़े, स्कूल बैग तक आग में जलकर राख हो गए। अब दोनों बेटियां अपने दादा-दादी के साथ हैं और बार-बार एक ही सवाल पूछ रही हैं—“मम्मी-पापा कब लौटेंगे?”

हैंडपंप ने भी छोड़ा साथ

परिजन बताते हैं कि हादसे के वक्त पास के हैंडपंप से पानी निकालकर आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ देर बाद हैंडपंप ने भी पानी देना बंद कर दिया। बस्ती के लोग बाल्टियों और डिब्बों से आग बुझाने में लगे थे, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

परिवार का सहारा टूटा, बस सवाल बाकी हैं

वीरेंद्र के पिता छोटेलाल और मां छोटी देवी बार-बार यही कह रहे हैं कि बेटियों का सब कुछ उजड़ गया। अब उनके पास न कोई घर बचा, न कमाने वाला। पूरी बस्ती में मातम पसरा है।

गरीबी और सिस्टम की मार

बस्ती में करीब 60 परिवार ग्राम समाज की पट्टे की जमीन पर रहते हैं। सभी का जीवन पत्तल बनाने और मजदूरी पर निर्भर है। परिजन का आरोप है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें अब तक नहीं मिला। ग्राम प्रधान से कई बार मदद मांगी गई लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला।


प्रशासन और सरकार की मदद:

  • SDM संदीप तिवारी ने बताया कि
    • परिवार को 50 किलो राशन दिया गया है।
    • मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलेगा।
    • दैवीय आपदा राहत से 4 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।
    • बचीं दोनों बेटियों को 18 साल की उम्र तक ₹4,000/माह पेंशन दी जाएगी।
  • विधायक वाचस्पति ने कहा कि
    • बच्चों की शिक्षा और आवास की जिम्मेदारी सरकार लेगी।
    • शासन की सभी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर हादसे पर दुख जताया और अधिकारियों को पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए।

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