
नई दिल्ली।
निवेश से जुड़े डिजिटल भुगतानों में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक नई प्रणाली ‘Valid UPI’ की घोषणा की है। यह नई व्यवस्था 1 अक्टूबर 2025 से देशभर में प्रभावी हो जाएगी और इसके तहत अब सिर्फ पंजीकृत और अधिकृत संस्थाओं को ही UPI से भुगतान किया जा सकेगा।
Valid UPI: क्या है यह सिस्टम?
SEBI की यह पहल एक ऐसा तकनीकी समाधान है, जो निवेशकों को केवल वैध संस्थाओं के UPI हैंडल को पहचानने और उनके माध्यम से ही भुगतान करने की सुविधा देगा। इन संस्थाओं को एक विशेष UPI हैंडल “@valid” दिया जाएगा, जिसे ग्रीन थंब-अप आइकन से पहचाना जा सकेगा। इससे फर्जी UPI ID से लेन-देन की संभावना खत्म हो जाएगी।
नकली ID पर ट्रांजैक्शन नहीं होगा
SEBI के चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने बताया कि यह सिस्टम NPCI, बैंकों और अन्य बाजार नियामकों के साथ मिलकर विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य UPI नेटवर्क को सुरक्षित बनाना और नकली हैंडल्स से होने वाली धोखाधड़ी पर पूरी तरह रोक लगाना है।
‘SEBI Check’ से करें ID का सत्यापन
सिस्टम को और सशक्त बनाने के लिए SEBI ने ‘SEBI Check’ नामक एक डिजिटल टूल भी लॉन्च किया है। इस टूल के ज़रिए कोई भी निवेशक किसी भी UPI ID की वैधता की जांच कर सकता है — चाहे QR कोड स्कैन करके या ID दर्ज कर के।
Valid UPI से मिलेंगे ये लाभ:
- धोखाधड़ी से सुरक्षा: निवेशकों को फर्जी संस्थाओं से बचाव मिलेगा।
- तेज़ और ट्रैक योग्य भुगतान: हर ट्रांजैक्शन अब पारदर्शी और रिकॉर्डेड होगा।
- विश्वास में वृद्धि: निवेशकों में वित्तीय जागरूकता और भरोसा बढ़ेगा।
ये होंगी लेन-देन की शर्तें:
- हर दिन अधिकतम ₹5 लाख तक ही भुगतान संभव होगा।
- भुगतान सिर्फ SEBI-पंजीकृत ब्रोकर, म्यूचुअल फंड, निवेश सलाहकार व रिसर्च विशेषज्ञों को ही किया जा सकेगा।
- कोई भी अनधिकृत या अपंजीकृत UPI ID ट्रांजैक्शन स्वीकार नहीं कर पाएगी।
सुरक्षित निवेश की ओर एक निर्णायक पहल
‘Valid UPI’ सिर्फ एक तकनीकी प्रणाली नहीं, बल्कि यह निवेशकों को सजग, आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से जागरूक बनाने की दिशा में SEBI का अहम कदम है। इससे शेयर बाजार में धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगेगी और निवेश का माहौल और अधिक सुरक्षित व भरोसेमंद बनेगा।