
रायपुर (छत्तीसगढ़)।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। वे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में आयोजित ‘फाइट अगेंस्ट ग्लोबल वार्मिंग कैंपेन’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस आयोजन का संयुक्त रूप से संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ और राज्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन समिति ने किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि सामाजिक सहयोग से ही संभव है।” उन्होंने पर्यावरणीय चेतना को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों ने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में तेजी से बढ़ रहा राज्य
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प का जिक्र करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ‘विकसित छत्तीसगढ़’ विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने शैक्षणिक और औद्योगिक विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। IIT, IIM और AIIMS जैसे संस्थानों की स्थापना इसका प्रमाण हैं।
ग्रीन एनर्जी में हो रहा भारी निवेश
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य की नई औद्योगिक नीति के तहत ऊर्जा क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है, जो ग्रीन एनर्जी अभियान को नई दिशा देगा। साथ ही, भारत सरकार द्वारा निर्धारित वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ भी अपनी भागीदारी निभा रहा है।
पर्यावरणीय नवाचारों का मिलेगा विस्तार
सीएम साय ने कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ और ‘पीपल फॉर पीपल’ जैसे नवाचार कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी रूप से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में 4 करोड़ पौधे रोपे गए, जो पर्यावरणीय जागरूकता का एक बड़ा उदाहरण है।
11 लाख पीपल वृक्षारोपण के संकल्प की सराहना
मुख्यमंत्री ने संघ द्वारा लिए गए 11 लाख पीपल वृक्षारोपण के संकल्प की सराहना करते हुए सभी आयोजकों, शिक्षकों और छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्वच्छ हवा, निर्मल जल और संतुलित पर्यावरण की दिशा में सार्थक परिणाम तभी मिलेंगे जब समाज सक्रिय रूप से जुड़कर कार्य करेगा।
गणमान्यजन रहे उपस्थित
इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, संघ के अध्यक्ष सुबोध राठी, सचिव मनोज पांडे, और अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा की भूमिका को लेकर विविध विचार साझा किए गए।