
खंडवा (मध्य प्रदेश)।
मध्य प्रदेश भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री संतोष पांडेय ने ज़मीन सौदे को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद और मानसिक तनाव के चलते बुधवार को ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना खंडवा स्थित उनके निजी कार्यालय में हुई, जहां उनकी बेटी ने उन्हें अचेत अवस्था में पाया। इंदौर के वेदांता अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
मरने से पहले रिकॉर्ड किए तीन वीडियो
अस्पताल में होश में आने के बाद संतोष पांडेय ने डॉक्टरों की अनुमति से तीन वीडियो रिकॉर्ड करवाए, जिनमें उन्होंने आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के नाम लिए। उन्होंने आरोप लगाया कि उपेन्द्र मंडलोई, राजू मंडलोई और उमंग मंडलोई ने उन्हें 3.30 करोड़ रुपये में ज़मीन का सौदा करने के बाद न तो रकम वापस की, न ही ज़मीन का कब्जा दिया।
वीडियो में पांडेय ने कहा कि उक्त लोगों ने सौदे के बाद ज़मीन में अन्य पार्टनर जोड़ दिए, वादाखिलाफी की, और टालमटोल करते हुए मानसिक उत्पीड़न किया। इसके चलते वे बेहद तनावग्रस्त हो गए थे।
सुसाइड नोट अब तक लापता
परिजनों का कहना है कि संतोष पांडेय ने अपने कार्यालय में एक सुसाइड नोट छोड़ा था। इसकी जानकारी उन्होंने अस्पताल में होश में आने पर दी थी, लेकिन अब तक वह नोट पुलिस या परिजनों को नहीं मिल सका है।
परिवार को भी मिल रही धमकियाँ
संतोष पांडेय के भाई प्रवीण पांडे ने आरोप लगाया कि ज़मीन विवाद से जुड़े लोग अब परिवार को भी धमका रहे हैं। पत्नी और बच्चों को उठाने की धमकी दी जा रही है। परिजनों का कहना है कि पिछले दो महीने से संतोष गहरे तनाव में थे और इस मामले में उन्हें लगातार डराया धमकाया जा रहा था।
पुलिस ने शुरू की जांच, परिवार ने की सख्त कार्रवाई की मांग
फिलहाल इंदौर के विजयनगर थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। आत्महत्या से पहले बनाए गए वीडियो, परिजनों के बयान और संभावित सुसाइड नोट को आधार बनाकर पुलिस आरोपियों तक पहुँचने की कोशिश में जुटी है। पांडेय परिवार ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।